कृषि विधेयक रद करवाने के लिए बरनाला में 31 किसान संगठन सड़क पर

हेमंत राजू बरनाला कृषि विधेयक रद करवाने के लिए जिले के 31 किसान संगठन एकजुट होककर प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 04:34 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 04:34 PM (IST)
कृषि विधेयक रद करवाने के लिए बरनाला में 31 किसान संगठन सड़क पर
कृषि विधेयक रद करवाने के लिए बरनाला में 31 किसान संगठन सड़क पर

हेमंत राजू, बरनाला :

कृषि विधेयक रद करवाने के लिए जिले के 31 किसान संगठन एकजुट होकर सड़क व रेल यातायात को पूरी तरह से बंद कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी किए। इसमें भाकियू एकता, डकौंदा, सिद्धपूर, लक्खोवाल, उगराहां, समेत समर्थन में आई 25 एसोसिएशन व यूनियन कांग्रेस, आप, शिअद, व्यापार मंडल, रेहड़ी, फड़ी यूनियन, आढ़तिया एसोसिएशन, रेडिमेड, हलवाई, केमिस्ट एसोसिएशन, ऑटो मार्केट, जम्हूरि सभा, इंकलाबी केंद्र, पेंशनर्ज पुलिस विभाग, व्यापार मंडल तपा, पंजाब एंड यूटी मुलाजिम व पेंशनर्स एसोसिएशन सांझा फ्रंट पंजाब, आंगनवाड़ी वर्कर, मुस्लिम भाईचारे के लोग, उत्तरी जोन फिल्म एंव टीबी आर्टिस्ट एसोसिएशन बरनाला, दी पंजाब राज सहकारी खेतीबाड़ी कर्मचारी यूनियन बरनाला, समेत स्कूल एसोसिएशन में शामिल हजारों लोगों से बने लोग आवाम द्वारा दहाड़े मुकम्मल बंद सफल बनाते हुए केंद्र सरकार को एकजुटता का संदेश देते संघर्ष किया व बरनाला लुधियाना, बरनाला मोगा, बरनाला बाजाखाना, बरनाला मानसा, बरनाला बठिडा, बरनाला संगरूर हाईवे किया मुकम्मल बंद।

इस दौरान दूसरे राज्यों व जरुरी कामकाज के लिए लोगो को लेकर पुलिस द्वारा बरनाला रायकोट रोड से लुधियाना की तरफ जाने वाले वाहन चालकों के लिए गांव सहजड़ा से महलकलां अनाज मंडी से आगे पैट्रोल पंप के रास्ते डायवर्ट किया। बरनाला मोगा, बरनाला बाजाखाना हाईवे के रास्ते वाले वाहन चालकों को गांव उग्गोके से पक्खो कैचियां डायवर्ट करके निकाला। वहीं एंबुलेंस चालकों के लिए रास्ता दिया गया। इसी प्रकार बठिडा को खुड्डी, ढिलवां, धनौला व मानसा को हंडिआया व माना पत्ती के आस-पास से निकाला गया। रेलवे स्टेशन पर लगाया पक्का टेंट

रेल रोको तीन दिवसीय आंदोलन के दूसरे दिन कार, जीप, बस, थ्री व्हीलर, पिकअप पर सवार किसानों ने रेलवे स्टेशन बरनाला पर पक्के टेंट लगाकर रेलवे लाइनों पर धरना लगाया। जहां चाय पानी से लेकर खाने तक का प्रबंध किया गया है। कोरोना से सुरक्षा का भी नहीं रखा ध्यान

किसानों द्वारा अपनी सेहत ख्याल रखे बिना न तो मास्क लगाया गया और न ही दो गज दूरी बनाई गई, परंतु ये भी जरूरी है। जिले के कस्बा धनौला, तपा, भदौड़, महलकलां, बरनाला, संगरुर, बड़बर समेत विभिन्न जगहों से सैकड़ों किसान शहर में से वाहनों का काफिला लेकर पहुंचे। उमस भरी गर्मी में किसानों का हौसला ठंडा नहीं हुआ और किसानों ने जमकर संघर्ष किया और केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ा मोर्चा खोल नारेबाजी की गई। पुलिस प्रशासन के थे कड़े प्रबंध

पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए है व जिले में 11 थानों में पैनी नजर बनाते हुए एक हजार जवानों समेत बाहरी जवान तैनात किए है। 20 पीसीआर, 50 पुलिस वाहनों, 20 ड्रोन व 52 सीसीटीवी जिले के कोने कोने में पैनी नजर रखी गई।

किसान ने ट्रैक्टर को लगाई आग

इसी प्रकार किसान व अकाली नेता दविदर सिंह बीहला ने अपने फोर्ड ट्रैक्टर को टांडिया ढाबा के समक्ष आग लगा दी। उनहोंने ने कहा कि कृषि बिल किसान विरोधी है, अगर किसान ही नहीं रहेगा, तो उसका बेटा ट्रैक्टर भी नहीं रहेगा। बीहला ने कहा कि ट्रैक्टर किसान का बेटा है, इसलिए केंद्र सरकार के खिलाफ इसको फूंक कर रोष प्रदर्शन किया। अगर किसान विरोधी बिल रद न हुआ, तो वह खुद को आग लगा लूंगा। वही किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और किसानों द्वारा भाजपाइयों के शहर में लगाए फ्लैक्स उतार आग के हवाले कर दिए व जला।

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