लिफ्टें छह दिनों से बंद, ऐसे अमृतसर कैसे बनेगा व‌र्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन

रेलवे स्टेशन को व‌र्ल्ड क्लास बनाने का दावा किया जा रहा है। मगर यह दावे पूरे होते नहीं दिख रहे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:00 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:00 AM (IST)
लिफ्टें छह दिनों से बंद, ऐसे अमृतसर कैसे बनेगा व‌र्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन
लिफ्टें छह दिनों से बंद, ऐसे अमृतसर कैसे बनेगा व‌र्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन

जासं, अमृतसर: रेलवे स्टेशन को व‌र्ल्ड क्लास बनाने का दावा किया जा रहा है। मगर यह दावे पूरे होते नहीं दिख रहे। रेलवे स्टेशन पर पिछले छह दिनों से दो, तीन और चार नंबर प्लेटफार्म की लिफ्टें बंद होने के कारण यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों, बुजुर्गो और महिलाओं को हो रही है, लेकिन रेलवे के इलेक्ट्रिकल विभाग को इसकी परवाह नहीं है। दूसरा स्टेशन के अधिकारियों को इसका पता तक नहीं है।

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए चार लिफ्टें लगवाई गई थीं लेकिन यह लिफ्टें सफेद हाथी बनकर रह गई हैं। कई बार तो इनमें यात्री फंस भी चुके हैं। हालांकि रेलवे का दावा है कि एक प्राइवेट कंपनी को इसका ठेका दिया गया है, जिनका एक मुलाजिम यहां पर 24 घंटे रहता है, लेकिन आज तक इन लिफ्टों में कंपनी का कोई मुलाजिम नजर नहीं आया। सूत्रों के अनुसार कंपनी का ठेका तीन साल के लिए किया गया है जो अभी तक खत्म नहीं हुआ है और अधिकारी कह रहे हैं कि ठेका खत्म हो गया है। कई बार अचानक दूसरे प्लेटफार्म पर ट्रेन आने की कर दी जाती है अनाउंसमेट

रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर अगर यात्री आता है तो उसे दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए इन लिफ्टों का इस्तेमाल करना पड़ता है। कई बार रेलवे अचानक एक नंबर पर आने वाली ट्रेन को दूसरे प्लेटफार्म पर आने की घोषणा कर देता है। फिर यात्रियों को उस दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल करना पड़ता है, अन्यथा उसे काफी लंबा रास्ता पैदल चलना पड़ता है। इससे ट्रेन भी निकल जाती है। एसएसई का तर्क देखिए

पहले कहा जानकारी नहीं, फिर बोले- ठेका खत्म हो गया

सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) राजेश कुमार से जब यात्रियों को आ रही समस्या के बारे में बात की तो पहले उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि लिफ्टें बंद है। फिर बोले कि लिफ्ट का काम देखने वाली कंपनी का ठेका खत्म हो गया है। अब जब अगला ठेका होगा, तभी इसके बारे कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने आगे यह कहा कि इलेक्ट्रिकल विभाग में स्टाफ की भी काफी कमी है। एक ही मुलाजिम है, जो शाम चार से रात 12 बजे तक ड्यूटी करता है। उसे जिले के दूसरे स्टेशनों पर भी जाना पड़ता है, जिसमें उसे एक दो घंटे का समय तो आने जाने में ही लग जाता है। फिर उन्होंने कहा कि वह लिफ्टें चेक करवा लेते हैं कि ये क्यों बंद हैं।

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