एक साल के भीतर ही लग गए ताले, निटिग उद्योग में अमृतसर कभी था हब

कोई समय था जब अमृतसर निटिग उद्योग का हब माना जाता था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 06:00 AM (IST)
एक साल के भीतर ही लग गए ताले, निटिग उद्योग में अमृतसर कभी था हब
एक साल के भीतर ही लग गए ताले, निटिग उद्योग में अमृतसर कभी था हब

हरीश शर्मा, अमृतसर : कोई समय था, जब अमृतसर निटिग उद्योग का हब माना जाता था। मगर मात्र एक साल के भीतर ही इस उद्योग पर ताले लटक गए। निटिग से संबंधित उद्योगपति अपनी फैक्टरियां बंद करने को मजबूर हो गए। जो इंडस्ट्री कभी सैकड़ो लोगों के लिए रोजगार का साधन थी, अब वही भार बन चुकी है। काम चलाना तो दूर की बात रही, खर्चे तक निकालना मुश्किल हो चुका है। साल 2020 लगभग पूरी तरह से कोरोना लाकडाउन की चपेट में रहा। थोड़ा समय लाकडाउन खुला भी था तो कभी सप्लाई चेन दुरुस्त न होने तो कभी बाहर से व्यापारी न आने के कारण निटिंग उद्योग में मंदी छा गई। 70 से 80 प्रतिशत यूनिट हुए बंद

दी अमृतसर वार्प निटिंग एसोसिएशन के प्रधान अजय मेहरा ने बताया कि पूरे शहर में करीब 200 निटिग की यूनिट है। उनकी एसोसिएशन के साथ करीब 110 यूनिट जुडे़ हुए हैं। हालात यह बने हुए हैं कि 70 से 80 प्रतिशत यूनिट बंद पडे़ हुए और उद्योगपतियों ने उन पर ताले जड़ दिए है। एक कोरोना की मार पड़ रही है, वहीं सरकार की अनदेखी भी उद्योग को ले डूबी है। आसान शब्दों में कहा तो 150 से ज्यादा यूनिट बंद हो चुके है। फैक्ट्रियों में पड़ा कच्चा माल खराब हो रहा है। मेहरा ने बताया कि अगर अगले दो- तीन महीने तक सरकार ने इस तरफ ध्यान न दिया तो हालात और भी खराब हो जाएंगे। चार मुख्य मार्केट खुलने का है इंतजार : गोबिद बांसल

दी अमृतसर वार्प निटिग एसोसिएशन के उप-प्रधान गोबिद बांसल ने कहा कि निटिंग का कारोबार चलाने के लिए चार मुख्य मार्केट हैं। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और सूरत है। कोलकाता में हाल में ही चुनाव हुए थे, जबकि बाकी तीनों मार्केट पूरी तरह से बंद हैं। इनके खुलने का इंतजार है। क्योंकि इन्हीं चारों शहरों से खरीदार उनके पास आता है और उसके बाद निटिग की आगे सप्लाई होती है। छोटे यूनिट वालों को सरकार मदद करें : कपूर

लघु उद्योग भारती के प्रधान अमित कपूर ने कहा कि उद्योग लगातार बंद हो रहे हैं। निटिग उद्योग में अमृतसर का डंका बजता था। यहां तक बहुत सारे लोगों ने अपने घरों में ही एक-एक मशीन लगाकर काम शुरू किया हुआ था। मगर सरकार की अनदेखी और कोरोना के कारण मंदी से सब कुछ बंद हो गया। ऐसे में सरकार को आगे आकर छोटे यूनिट वालों की मदद करनी चाहिए। इसके अलावा बहुत सारी लेबर अपने घरों को वापिस जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन भी बुरी तरह से प्रभावित है। उसे ठीक करने के लिए भी प्रयास करने चाहिए।

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