वल्ला में सब्जी मंडी शिफ्ट हुए 17 साल हो गए पर नहीं मिली बेहतर सुविधाएं

गांव वल्ला में साल 1972 में बनी दाना मंडी को वर्ष 1980 के करीब सब्जी मंडी में तब्दील किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 10:00 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 10:00 AM (IST)
वल्ला में सब्जी मंडी शिफ्ट हुए 17 साल हो गए पर नहीं मिली बेहतर सुविधाएं
वल्ला में सब्जी मंडी शिफ्ट हुए 17 साल हो गए पर नहीं मिली बेहतर सुविधाएं

हरदीप रंधावा, अमृतसर: गांव वल्ला में साल 1972 में बनी दाना मंडी को वर्ष 1980 के करीब सब्जी मंडी में तब्दील किया गया था। इसके बाद हाल गेट सब्जी मंडी को वल्ला में शिफ्ट करने का मंडी बोर्ड ने फैसला लिया था। इस निर्णय का फ्रूट एंड वेजिटेबल मर्चेट यूनियन ने विरोध करते हुए साल 1995 में अदालत से स्टे ले लिया था। साल 2003 तक तो यह मंडी वहीं पर रही। मगर वर्ष 2004 में इस हाल गेट सब्जी मंडी को वल्ला में शिफ्ट कर दिया गया। यह वल्ला सब्जी मंडी 102 एकड़ में फैली है। यहां पर सैकड़ों थोक और परचून विक्रेता कारोबार करते हैं। इसके अलावा मंडी में हर रोज हजारों लोगों का आना जाना है जो यहां पर खरीदारी करने के लिए आते हैं। मगर बेहद चिंता की बात है कि पिछले करीब 17 साल से यहां के कारोबारी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। यहां पर सीवरेज की प्रणाली सही नहीं है। बारिश में पानी जमा रहता है। सड़कें खस्ताहाल हैं। साफ सफाई, पेयजल की भी उचित व्यवस्था नहीं। मंडी में लगी लाइटें खराब है। पुलिस सुरक्षा भी नहीं है। मंडी यूनियन के मुताबिक वे पिछले 16-17 साल से सब्जी मंडी में मूलभूत सुविधाएं न होने से पंजाब और केंद्र सरकार की राजनीति में पिस रहे हैं, क्योंकि साथ ही आर्मी का डंप है। वल्ला सब्जी मंडी में पंजाब मंडी बोर्ड की तरफ से अनगिनत लाइसेंस जारी हो चुके हैं जबकि पंजाब मंडी बोर्ड हर साल अपनी फीस का टारगेट पूरा करने के लिए पक्के दुकानदारों के पास ही आता है।

चरणजीत बतरा, अध्यक्ष, फ्रूट एंड वेजिटेबल मर्चेट यूनियन पंजाबी मंडी बोर्ड द्वारा मंडी की अलाटेड जमीन पर कंस्ट्रक्शन को लेकर कई लोगों पर एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं, जोकि धक्केशाही है। मंडी कारोबारियों की समस्या पहल के आधार पर हल होनी चाहिए।

जतिदर खुराना, महासचिव, फ्रूट एंड वेजिटेबल मर्चेट यूनियन वल्ला सब्जी मंडी में हर रोज ट्रैफिक की समस्या सिरदर्द बनी रहती है। मंडी में कोई पार्किग की सहूलियत नहीं है और न ही मंडी में आने वाले वाहनों पर पाबंदी है। ट्रैफिक जाम के कारण रोज झगड़ा होता है।

अमित अरोड़ा, मंडी कारोबारी वल्ला सब्जी मंडी में स्ट्रीट लाइटों के खंभे ही सिर्फ लगे हुए हैं और उन पर लाइटें ही नहीं हैं। बिजली के खंभों में आने वाले करंट की वजह से कई जानवर मर चुके हैं और लोगों को झटके भी लग चुके हैं।

लवली अरोड़ा, मंडी कारोबारी सुबह से लेकर देर शाम तक मंडी कारोबारी अपने काम की वजह से काम करते हैं। हर तरफ फैली गंदगी में उनका हर रोज हाल बेहाल रहता है, क्योंकि गंदगी की सफाई करवाने संबंधी भी सुनवाई नहीं होती है।

सर्बजीत सिंह सोनू, मंडी कारोबारी वल्ला सब्जी मंडी में सीवरेज प्रणाली बुरी तरह प्रभावित है, जो दुरुस्त करवाने में मंडी बोर्ड कोई ध्यान नहीं देता है। थोड़ी सी बारिश होने के बाद हर तरफ जलथल हो जाता है, जो कई-कई दिन पानी न सूखने से मच्छर पैदा होते हैं।

राजेश कुमार लाडा, मंडी कारोबारी वल्ला सब्जी मंडी मेहता रोड लगभग कई फुट नीची हो चुकी है। मूलभूत सुविधाओं की बात करें, तो सब्जी मंडी की कोई चारदीवारी ही नहीं है। रात के समय बाहरी ड्राइवरों के साथ-साथ मंडी में हर रोज चोरियां होती हैं।

कंवलजीत सिंह, मंडी कारोबारी वल्ला सब्जी मंडी के हर कोने में गंदगी के अंबार लगे हैं, जो मंडी कारोबारियों के लिए बीमारियों को दावत है। साफ-सफाई का प्रबंध न होने की वजह से कई मंडी कारोबारी कई घातक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

प्रताप चंद ठाकुर, मंडी कारोबारी शहर से आकर बसे सभी मंडी कारोबारियों को वल्ला सब्जी मंडी में आज तक मूलभूत सुविधा के मुकाबले असुविधाएं ही मिली हैं। आए दिन मंडी कारोबारियों को पंजाब व केंद्र सरकार की राजनीति की चक्की में पिसना पड़ रहा है, जो असहनीय है।

इंद्रबीर सिंह बिल्ला, मंडी कारोबारी शहर के 16-17 लाख शहरवासियों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर व देश के विभिन्न हिस्सों में वल्ला मंडी से सब्जियां निर्यात होती हैं। सभी बढ़-चढ़कर अपने टैक्स का भुगतान करते हैं, जिसके बदले विकास नहीं विनाश ही मिल रहा है।

गौरव बहल, मंडी कारोबारी वल्ला सब्जी मंडी में सीवरेज की ध्वस्त प्रणाली, साफ सफाई की अव्यवस्था, खस्ताहाल सड़कें, पेयजल, बिजली के साथ-साथ खराब हुई स्ट्रीट लाइटें आदि समस्या तो जग जाहिर है जबकि पार्किग भी उनमें मुख्य समस्या है।

विशाल महेंद्रू, मंडी कारोबारी शहर से सब्जी मंडी शिफ्ट होने को आज करीब दो दशक हो चुके हैं। वल्ला सब्जी मंडी में सुरक्षा नाम की कोई भी चीज नहीं है। मंडी में

फल व सब्जियों के लिए सात शेड बने हुए हैं। जगह होने के बावजूद पुलिस चौकी नहीं बनी।

नरिदर महाजन, मंडी कारोबारी इन मुद्दों को हल करने की मांग रखी

- चारदीवारी नहीं होने से हो रही चोरियां, पुलिस गश्त बढ़े

-मंडी में सुरक्षा के लिए स्थायी तौर पर बने पुलिस चौकी

-वाहन खड़े करने के लिए जगह नहीं, पार्किग की व्यवस्था हो

- मंडी में फैली रहती है गंदगी इसलिए रोज सफाई की जाए

- थोड़ी सी बारिश से हो जाता है जलथल, निकासी का प्रबंध हो

-बिजली के खंभों में करंट से कई जानवर मरे, पारवकाम हल करे

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