भगतांवाला अनाज मंडी में दूसरे दिन पहुंचा 1350 क्विंटल गेहूं, नमी अधिक होने के कारण नहीं हुई खरीद

सरकार व प्रशासन की ओर से मंडियों में गेहूं की आमद को लेकर सभी प्रबंधक मुकम्मल किए हुए है। परंतु अमृतसर जिले में गेहूं की फसल अभी तक पूरी तरह पकी न होने के कारण मंडियों में गेहूं की आमद बहुत ही कम है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 11:44 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 11:44 PM (IST)
भगतांवाला अनाज मंडी में दूसरे दिन पहुंचा 1350 क्विंटल गेहूं, नमी अधिक होने के कारण नहीं हुई  खरीद
भगतांवाला अनाज मंडी में दूसरे दिन पहुंचा 1350 क्विंटल गेहूं, नमी अधिक होने के कारण नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता, अमृतसर : सरकार व प्रशासन की ओर से मंडियों में गेहूं की आमद को लेकर सभी प्रबंधक मुकम्मल किए हुए है। परंतु अमृतसर जिले में गेहूं की फसल अभी तक पूरी तरह पकी न होने के कारण मंडियों में गेहूं की आमद बहुत ही कम है। बुधवार रात्रि को तथा वीरवार सुबह चली तेज हवाओं के कारण किसानों की खेतों में खड़ी गेहूं की फसल खेतों में गिर गई।

वीरवार को जिले की सबसे बड़ी अनाज मंडी भगतांवाला में दूसरे दिन 1350 क्विंटल गेहूं की आमद हो चुकी है। दो दिनों में मंडी में 2500 क्विंटल गेहूं की आमद हुई है। परंतु मंडी में अभी तक किसी भी सरकारी एजेंसी ने गेहूं की खरीद नहीं की है। उधर गेहूं की खरीद को लेकर मंडी आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष अमनदीप सिंह छीना के नेतृत्व में अलग अलग खरीद एजेंसियों के अधिकारियों, ट्रांसपोर्टरों और मंडी मजदूरों की बैठक समाचार लिखे जाने तक चल रही थी।

मंडी में मंडी बोर्ड और मार्केट कमेटी की ओर से गेहूं की खरीद को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किए हुए है। मंडी के मुख्य गेट के पास ही मार्केट कमेटी ने अपना सहायता सेंटर स्थापित किया है। यह पर मंडी में अपना गेहूं लेकर आने वाले किसानों को सब से पहले अपने गेंहू की नमी की जांच करवानी पड़ती है। नमी ठीक होने पर ही किसानों की गेहूं की ट्रालियों को अंदर जाने की इजाजत दी जाती है। इस के बाद ही आढ़ती की ओर से पास देकर मंडी में गेहूं लेकर जाया जाता है। इसी सहायता सेंटर पर किसानों की सुविधा के लिए मास्क, सैनिटाइजर साबुन आदि की व्यवस्था की गई है। मंडी में इस सेंटर के माध्यम से ही किसी तरह की फस्ट एड की सुविधा पर भी उपलब्ध रखी गई है। मनी अधिक होने के कारण अभी सरकारी एजेसियों ने नहीं की खरीद

मंडी में अभी तक नमी व गेहूं की साफ सफाई को मुख्य रख सरकारी एजेंसियों की ओर से कोई खरीद नहीं की गई है। गेहूं की खरीद सभी एजेंसियों की ओर से खरीद पोर्टल के माध्यम से ही की जाएगी। सिर्फ एफसीआइ की अपनी खरीद के पैसे किसानों को उनके बैंक खातों में सीधे भेजेंगे जबकि पंजाब की एजेंसियों को किसानों और आढ़तियों की मर्जी के अनुसार खातों में पेमेंट की जाएगी। सरकारी एजेंसियों की ओर से 48 घंटे में खरीदे गेहूं की पेमेंट निश्चित की है। जिला फूड व सिविल सप्लाई कंट्रोलर रिषी राज मेहरा का कहना है कि नमी अधिक होने के कारण अभी खरीद नही की गई। सरकार की ओर से 12 प्रतिशत नमी वाले गेहूं की खरीद को तय किया गया है। आढ़तियों ने रखे हैं मुनीम और कर्मचारी

जिला मंडी अफसर अमनदीप सिंह ने बताया कि किसानों को अगर अपना डाटा खरीद पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेवारी आढ़तियों की होती है। आढ़तियों ने इसके लिए अपने मुनीम और कर्मचारी रखे हुए है। इसी तरह अगर फिर भी कोई मुश्किल आए तो मार्केट कमेटी के कर्मचारी 24 घंटे मंडी में मौजूद रहते है वह भी उनकी सहायता करते है। हर मंडी में मार्केट कमेटी की ओर से नमी की जांच करने के लिए 15 से 25 तक मशीनें रखी होती है। वहीं नमी की जांच के लिए आढतियों और खरीद एजेंसियों ने भी अपने पास मशीनें रखी होती है। किसानों के मोबाइनल पर ओटीपी आता है और डाटा अपलोड हो जाता है। इस को लेकर कोई मुश्किल नहीं है। किसानों की सहमति से लिए जा रहे ब्लैंक चेक: बलविंदर सिंह

आल इंडिया किसान सभा के नेता बलविदर सिंह दुधाल ने बताया कि उनके पास मजीठा, जंडिया और रईया आदि से सूचनाएं पहुंची है कि कुछ आढती किसानों की फसलों की लोडिग, अन लोडिग , साफ सफाई और अन आने वाले खर्चों को मुख्य रख किसानों की सहमति से ब्लैंक चेक ले रहे हैं ताकि किसान के खाते में सीधी अदायगी होने पर वह अपनी खर्चे चेक लगाकर निकलवा सकें। वैसे भी फसल आने पर ही किसान अपनी पेमेंट आढ़तियों को करते हैं। पहले पेंमेंट आढ़तियों के मध्यम से होती थी वह अपने पैसे काट कर पेमेंट करते थे। अब कुछ आढ़ती सहमति से किसानों से खाली चैक ले रहे है। परंतु किसान निजी तौर पर इस का जिक्र नही कर रहे है।

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