कोरोना नेचुरल था या मानव निर्मित, विशेषज्ञों ने की चर्चा
यह तो तय है कि कोरेाना वायरस चाइना की वुहान लैब से उत्पन्न हुआ था।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : यह तो तय है कि कोरेाना वायरस चाइना की वुहान लैब से उत्पन्न हुआ था। यह सवाल हर जेहन में है कि क्या यह वायरस बनाया गया था, या प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होकर देश दुनिया में तबाही मचाता चला गया। इस विषय पर नेचुरल इम्युनाइजेशन स्पोर्ट एलाइंस की ओर से वेबिनार करवाया गया। इसमें देश भर के नामी डाक्टर शामिल हुए।
इस अवसर पर हास्पिटल एंड हेल्थ सिस्टमस मैनेजमेंट बीआइटीएस पिलानी की डा. निशीथा दीक्षित ने कहा कि महामारी के बीस महीनों में बहुत सी बातें निकलकर सामने आई। यह वायरस मानव निर्मित था या प्राकृतिक रूप से तैयार हुआ। वुहान में दुनिया का पहला कोरोना मरीज 31 दिसंबर 2019 को रिपोर्ट हुआ था। उस समय पूरे चीन में एक लाख फाइव जी स्टेशन तैयार किए गए थे। जगह-जगह टावर लगाए जा चुके थे। खासकर वुहान में ही दस हजार टावर इंस्टाल किए गए थे। हमने ऐसे बहुत से वीडियो देखे जिसमें वुहान में लोग चलते-चलते गिरने लगे। अचानक ऐसा क्यों हुआ, इस पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई क्योंकि यह वायरस तेजी से एक देश से दूसरे देश में चला गया। इसके बाद यूएस व इटली में आउटब्रेक हुई। मौतें होती गईं। ये दोनों देश मेडिकली एडवांस हैं। अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण व विशेषज्ञ डाक्टरों की वहां कोई कमी नहीं, फिर भी मौतें होती चली गईं।
मोबाइल टावर, वाइफाइ, सेल फोन से निकलने वाला रेडिएशन इंसानों के लिए खतरनाक है। अब दुनिया सिक्स जी की ओर जा रही है। इन रेडिएशन से इंसान का बायो मैकेनिकल्जम पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। दूसरा पहलू यह है कि यदि इस तरह के वायरस मानव जनित हैं तो यह मानव जाति के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। इन सब पर शोध और चितन की जरूरत है। इस वेबीनार में डा. विनोद कुबेरकर, डा. अमर सिंह आजाद, डा. अश्विनी महाजन सहित कई डाक्टर शामिल हुए।