अटारी वाघा बार्डर पर 2021 में खत्म होगा रिट्रीट सेरेमनी का इंतजार, रौनक लौटने की उम्‍मीद

Retreat Ceremony at Attari Wagah Border अमृतसर में अटारी वाघा बार्डर पर काफी दिनों से रिट्रीट सेरेमनी बंद है। इससे यहां छाई रहने वाली रौनक गायब हो गई है। अब उम्‍मीद है कि नए साल 2021 में फिर रिट्रीट सेरेमनी शुरू‍ होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 08:48 AM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 08:48 AM (IST)
अटारी वाघा बार्डर पर 2021 में खत्म होगा रिट्रीट सेरेमनी का इंतजार, रौनक लौटने की उम्‍मीद
अटारी वाघा बार्डर पर रिट्रीट सेरेमनी का नजारा। (फाइल फोटाे)

रविंदर शर्मा/गुरदीप भट्टी, अटारी (अमृतसर)। ज्वाइंट चेक पोस्ट (जेसीपी) में 1959 में शुरू हुई रिट्रीट सेरेमनी कोविड-19 के कारण 7 मार्च, 2020 से बंद है। अब इसके दोबारा शुरू होने का इंतजार 2021 में ही पूरा होगा लेकिन इसकी तारीख भी तय नहीं है। वहीं, अटारी और आसपास के गांवों के लोगों की ख्वाहिश है कि उनके क्षेत्र में दोबारा रौनक लौटे और एक बार फिर देश भक्ति के नारों से आकाश गुंजायमान हो।

भारत-पाक सीमा पर नौ महीने से बंद है दर्शक दीर्घ, सीमावर्ती गांवों के लोगों का ख्वाहिश - जल्द लौटे रौनक

156 सेकेंड की रिट्रीट सेरेमनी के बाद दोनों देशों की सीमा पर बने गेट फिर बंद कर दिए जाते हैं। भारत की ओर से बीएसएफ के पांच जांबाज और पाकिस्तान की ओर से पाक रेंजर्स संयुक्त परेड करने के बाद अपने-अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज सम्मान के साथ उतारते हैं। इस सेरेमनी के दौरान हजारों लोग पहुंचते हैं और 'भारत माता की जय' व 'वंदे मातरम' के जयघोष से केवल भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी कई किलोमीटर तक क्षेत्र गुंजायमान हो जाता है।

अटारी वाघा बार्डर पर रिट्रीट सेरेमनी के दौरान लोगों  का इस कदर उत्‍साह दिखता था। (फाइल फोटो)

अटारी से सटे गांव महावा के रहने वाले जोगिंदर सिंह कहते हैं कि नौ महीने से क्षेत्र में सन्नाटा छाया है। पहले हर रोज दोपहर के बाद अटारी सीमा पर मेले जैसा माहौल बन जाता था। लेकिन आज अटारी ही नहीं बल्कि आसपास के गांव भी सुनसान से रहने लगे हैं।

गांव रोड़ा वाला खुर्द के रहने वाले बलविंदर सिंह ने कहा कि रोजाना शाम को देश भक्ति के जोश में भरे हजारों लोग अटारी पहुंचते थे। जोश के साथ लगने वाले नारों से कई किलोमीटर दूर तक पता चल जाता था कि रिट्रीट सेरेमनी शुरू हो गई है। वहीं लोगों के आने से अटारी के ढाबों और अन्य दुकानों पर लाखों रुपये का कारोबार भी होता था। शमशेर सिंह शेरा ने कहा कि यहां आने वाले बच्चों और युवाओं में अपने चेहरे, हाथों और बाजुओं पर तिरंगा बनवाने के लिए उत्सुक रहते हैं।

अब अधूरापन महसूस होता है

महावा के हरमन सिंह ने कहा कि रिट्रीट सेरेमनी केवल अटारी तक ही सींिमत नहीं थी। इसकी गूंज और विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटकों को देखकर ऐसा लगता था कि जैसे पूरा देश अटाली की दर्शक दीर्घा में एक छत के नीचे एक साथ बैठा है। अब जब शाम को रिट्रीट की आवाज सुनाई नहीं देती तो अधूरापन महसूस होता है। लेकिन उम्मीद है कि 2021 में यह इंतजार खत्म हो जाएगा।

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'' रिट्रीट सेरेमनी शुरू करने को लेकर अभी सरकार की कोई गाइड लाइन नहीं आई है। आदेश प्राप्त होते ही लोगों के लिए दर्शक दीर्घा को खोल दिया जाएगा।

                                                                - भूपिंदर सिंह, डीआइजी, बीएसएफ खासा सेक्टर हेडक्वार्टर।

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