80 फीसद तक अधरंग से बचा जा सकता है : डा उप्पल
रानी का बाग स्थित उप्पल न्यूरो अस्पताल द्वारा अधरंग जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई। इस मौके पर कंपनी बाग में निशुल्क ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर चेकअप कैंप लगाया गया। न्यूरोसर्जन डा. शिखिल उप्पल के अनुसार कैंप में 500 से अधिक लोगों ने जांच करवाई।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : रानी का बाग स्थित उप्पल न्यूरो अस्पताल द्वारा अधरंग जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई। इस मौके पर कंपनी बाग में निशुल्क ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर चेकअप कैंप लगाया गया। न्यूरोसर्जन डा. शिखिल उप्पल के अनुसार कैंप में 500 से अधिक लोगों ने जांच करवाई। अक्टूबर का पूरा महीना विश्व में अधरंग जागरूकता के रूप में मनाया जाता है। उप्पल अस्पताल द्वारा शहर के अलग अलग स्थानों पर कैंप लगाकर लोगों को अधरंग के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
डा. उप्पल ने कहा कि अधरंग या ब्रेन स्ट्रोक दिमाग में नाड़ी फटने या नाड़ी में खून जाम होने के कारण होता है। भारत में हर साल करीब 1.8 मिलियन लोग स्ट्रोक यानि अधरंग का शिकार बन जाते है। इमनें बहुत से लोग समय पर इलाज न मिलने पर या तो अपनी जान गंवा देते हैं या अपाहिज हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि समय रहते अधरंग के लक्षणों को समझ लिया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। अधरंग के लक्षण है चेहरा टेढ़ा या एक तरफ गिरता हुआ दिखना, बांहों, हाथो में जान न रहना या बाजू उठाए तो खुद—ब—खुद नीचे आ जाना, आवाज में थरथराहट होना आदि है। यदि किसी भी व्यक्ति में यह लक्षण दिखते हैं तो तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाना चाहिए। 80 प्रतिशत स्ट्रोक से बचा जा सकता है।