दुग्र्याणा कमेटी शिवपुरी में नहीं करेगी लावारिस शवों का अंतिम संस्कार

श्री दुग्र्याणा शिवपुरी के नजदीक पुडा की काली जगह पर दुग्र्याणा कमेटी की ओर शनिवार की रात लकड़ियां रखने और अस्थायी तौर पर चारदीवारी करने पर विवाद हो गया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 01:30 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 01:30 AM (IST)
दुग्र्याणा कमेटी शिवपुरी में नहीं करेगी लावारिस शवों का अंतिम संस्कार
दुग्र्याणा कमेटी शिवपुरी में नहीं करेगी लावारिस शवों का अंतिम संस्कार

संस, अमृतसर: श्री दुग्र्याणा शिवपुरी के नजदीक पुडा की काली जगह पर दुग्र्याणा कमेटी की ओर शनिवार की रात लकड़ियां रखने और अस्थायी तौर पर चारदीवारी करने पर विवाद हो गया था। तब पुडा के अधिकारियों और मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। इसी के रोष में रविवार को जब रामबाग की पुलिस एक लावारिस शव का संस्कार करने के लिए शिवपुरी आई, तो प्रबंधकों ने मना कर दिया। काफी देर तक हुई बहस के बाद थाना रामबाग की पुलिस उस शव का संस्कार नहीं कर सकी। उन्हें वापस जाना पड़ा।

पुडा की कार्रवाई के रोष में श्री दुग्र्याणा कमेटी के पदाधिकारियों ने प्रशासन की निदा की है। प्रधान एडवोकेट रमेश शर्मा, महासचिव अरुण खन्ना, प्रबंधक राज वधवा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण हो रही मौतों के कारण श्री दुग्र्याणा शिवपुरी में मृतकों का अंतिम संस्कार करने में बढ़ोतरी हो गई है। शिवपुरी में जगह की कमी को देखते हुए उस जगह पर लकड़ियां रखी जा रही थीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने दुग्र्याणा कमेटी के आग्रह पर इस जगह को उन्हें देने की सहमति दी थी।

इसके बावजूद पुडा के अधिकारी जानबूझकर परेशानी पैदा कर रहे हैं। कमेटी ने इस संबंध में सभी दस्तावेज भी संबंधित विभाग को दिए हुए हैं। कमेटी ने फैसला लिया है, कि जब तक प्रशासन अपना अड़ियल रवैया नहीं छोड़ता तब तक वह शिवपुरी में लावारिस शवों का संस्कार नहीं करेंगे। इस अवसर पर विपन चोपड़ा, सोमदेव शर्मा, राम गोपाल मल्होत्रा, पारस होंडा, रोहित खन्ना, राजीव सोनी, निखिल खन्ना, पवन कनौजिया व अन्य सदस्य शामिल थे। पहले शिवपुरी में रोजाना करीब 15 संस्कार होते थे

कमेटी के प्रधान एडवोकेट रमेश शर्मा ने कहा कि पहले शिवपुरी में रोजाना करीब 15 मृतकों के अंतिम संस्कार होते थे। परंतु कुछ दिनों से कोरोना से मरने वालों की संख्या ज्यादा होने से अब करीब 47 के संस्कार हो रहे हैं। लकड़ी का गोदाम पहले शिवपुरी में था। जगह की कमी के चलते कमेटी ने लकड़ी के गोदाम को बाहर शिफ्ट करना शुरू किया था। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संस्कार करने की जिम्मेवारी प्रशासन की होती है परंतु कमेटी अपने जोखिम पर यह कार्य कर रही है।

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