झूठे केस में फंसाने के मामले में दो पुलिस कर्मियों को मिली जमानत
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमल वरिदर की अदालत ने कांस्टेबल सरबजीत सिंह और पंजाब होमगार्ड के जवान मुख्तियार सिंह की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमल वरिदर की अदालत ने कांस्टेबल सरबजीत सिंह और पंजाब होमगार्ड के जवान मुख्तियार सिंह की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। आरोप है कि आरोपितों ने एएसआइ राजपाल सिंह के साथ मिलकर चार युवकों को प्रतिबंधित दवाओं के झूठे केस में फंसाया था। यह एफआइआर आइजी सुरिदर पाल सिंह परमार ने जांच के बाद लोपोके थाने में दर्ज करवाई थी।
मामले की पैरवी कर रहे वकील नमित मेहता ने बताया कि लोपोके थाने के अधीन पड़ती कक्कड़ पुलिस चौकी के एएसआइ राजपाल सिंह, कांस्टेबल सरबजीत सिंह और होमगार्ड के जवान मुख्तियार सिंह ने जुलाई 2020 को मानावाला पेट्रोल पंप के पास कुलविदर सिंह, जुगराज सिंह सहित चार युवकों को पांच हजार से ज्यादा प्रतिबंधित गोलियों सहित काबू किया था। आरोपितों ने एफआइआर में घटना स्थल और समय को बदल दिया था। आरोपितों ने गिरफ्तारी के दौरान कोर्ट को दर्ज की गई एफआइआर, उसके हालात के बारे में जानकारी देते हुए याचिका दायर की थी। साथ ही आरोपितों ने मामले में सीबीआइ जांच की गुहार भी लगाई थी। इसके बाद कोर्ट ने आइजी को जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद आइजी ने इन आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। मामले की पैरवी कर रहे वकील नमित मेहता ने बताया कि अपने ही मुलाजिमों पर एफआइआर दर्ज करते समय पुलिस ने कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर जांच नहीं की। जिस कारण मुलाजिमों पर एफआइआर दर्ज की गई।