अमृतसर में पराली जलाने के 706 मामलों की पुष्टि, केस सिर्फ पांच पर दर्ज

जिले के खेतों में पराली जलाने का क्रम जारी है। पिछले 22 दिन में रिमोर्ट सेंसिंग सेटेलाइट लुधियाना की ओर से 1588 जगह पराली जलाने की सूचनाएं मिल चुकी हैं। हालांकि मौके पर पहुंची टीमों ने इनमें से सिर्फ 706 मामलों की ही पुष्टि की है।

By Edited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 11:27 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 11:58 AM (IST)
अमृतसर में पराली जलाने के 706 मामलों की पुष्टि, केस सिर्फ पांच पर दर्ज
अमृतसर में खेतों में जल रही पराली।

अमृतसर, जेएनएन। जिले के खेतों में पराली जलाने का क्रम जारी है। पिछले 22 दिन में रिमोर्ट सेंसिंग सेटेलाइट लुधियाना की ओर से 1588 जगह पराली जलाने की सूचनाएं मिल चुकी हैं। हालांकि मौके पर पहुंची टीमों ने इनमें से सिर्फ 706 मामलों की ही पुष्टि की है। वहीं 501 किसानों से करीब 13 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है। खास पहलू यह है कि पुष्ट मामलों में सिर्फ चार किसानों के खिलाफ ही केस दर्ज किया गया है। हालांकि पुष्ट मामलों में 433 खेतों की रेड एंट्री भी कर दी गई है।

पराली खेतों में जलाने वालों के खिलाफ डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा के कड़ी कार्रवाई के आदेश के बाद टीमें हरकत में आ गई हैं। शिकायत मिलते ही खेती-बाड़ी विभाग और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीमें पंजाब पुलिस के साथ तुरंत मौके पर पहुंच कर कार्रवाई कर रहीं हैं। हालांकि सरकार के सख्त एक्शन के बाद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे।

बाबा बकाला में आए सबसे ज्यादा 502 मामले

पराली को आग लगाने में सबसे ज्यादा मामले बाबा बकाला साहिब में 502 सामने आए हैं, जबकि सबसे कम मामले अमृतसर-2 में 230 आए। एसडीएम-2 डा. शिवराज सिंह बल ने बताया कि पराली जलाने के मामलों की संख्या अजनाला में 344, मजीठा में 267 और अमृतसर-1 में 245 है। पराली प्रबंधन को लेकर टीमों को दी गई सख्त हिदायतें जिला माल अधिकारी मुकेश कुमार शर्मा ने कहा कि पराली प्रबंधन को लेकर गठित टीमों को सख्त हिदायतें दी गई हैं। जहां खेतों की रेड एंट्री की जा रही है वहीं किसानों से जुर्माना भी वसूला जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के एसडीओ सुखदेव सिंह ने बताया कि चार किसानों पर एयर एक्ट 1981 की धारा-39 के तहत और एक किसान के खिलाफ 188 के तहत केस दर्ज करवाए गए हैं।

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