आज समाज व देश को संवाद की जरूरत है: आशावादी

लारेंस रोड स्थित पदमभूषण साहित्यकार डा. भाई वीर सिंह के निवास स्थान पर आयोजित दो दिवसीय युवा लेखक सम्मेलन मंगलवार को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 07:32 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 07:32 PM (IST)
आज समाज व देश को संवाद की जरूरत है: आशावादी
आज समाज व देश को संवाद की जरूरत है: आशावादी

जागरण संवाददाता, अमृतसर : लारेंस रोड स्थित पदमभूषण साहित्यकार डा. भाई वीर सिंह के निवास स्थान पर आयोजित दो दिवसीय युवा लेखक सम्मेलन मंगलवार को संपन्न हो गया। साहित्य अकादमी नई दिल्ली और डा. भाई वीर सिंह साहित्य सदन के सहयोग से आयोजित सम्मेलन में देश के उत्तर क्षेत्र की आठ भाषाओं के 16 युवा रचनाकारों ने रचनाओं से वर्तमान हालात के साथ-साथ देश व काल की स्थिति को बखूबी बयान किया। रचनाकार व साहित्य अकादमी की संयोजक, पंजाबी परामर्श मंडल विनता मनचंदा ने कहा कि वह वर्तमान हालात को मद्देनजर रखते हुए अल्फाज के साथ-साथ संवाद को ही पहल देती हैं। यानी कि आज समाज और देश को संवाद की जरूरत है, जोकि यह एक रचनाकार ही कर सकता है।साहित्य अकादमी के उत्तरी क्षेत्र मंडल के संयोजक मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि समाज की समरसता, संभव और भाईचारे के लिए संवाद की जरूरत है। इसकी मदद से एक-दूसरे के भावों को समझने और समझाने में आसानी होती है। राजस्थान की युवा कवियित्री रीना मेनारिया ने लोगों को दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूक किया।

भाई वीर सिंह सदन की डायरेक्टर डा. सुखबीर कौर माहल ने बताया कि शहर में पहली बार सार्वजनिक रूप से साहित्य अकादमी ने ऐसा आयोजन करवाया है, जिसमें पंजाबी साहित हिदी, अंग्रेजी, राजस्थानी, उर्दू, संस्कृत, कश्मीरी और डोगरी भाषा के युवा कवियों ने अपनी सहभागिता दिखाई है। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति देश के निर्माण का आधार है, इसलिए साहित्य विधा में उनका योगदान निकालना भी बेहद जरूरी होने के साथ-साथ समय की मुख्य जरूरत है। इस मौके पर केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा के सचिव दीप दविदर सिंह, शायर मलविदर, डा. मोहन, अमरीक डोगरा, चनअमरीक, एसएस माहल, सिमरजीत गिल, सुनीता शर्मा, तेजिदर बावा, जोबनरुप छीना आदि मौजूद थे।

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