अच्छे शिक्षक के लिए बच्चों की मानसिकता को समझना जरूरी: एमवीवी प्रसादा राउ
दैनिक जागरण के सहयोग से रोशनी वूमेंस वेलफेयर सोसायटी की ओर से रीडिफाइनिग टीचिग लर्निग विषय पर वेबिनार श्रृंखला की शनिवार को शुरुआत की गई।
जासं, अमृतसर: दैनिक जागरण के सहयोग से रोशनी वूमेंस वेलफेयर सोसायटी की ओर से रीडिफाइनिग टीचिग लर्निग विषय पर वेबिनार श्रृंखला की शनिवार को शुरुआत की गई। इससे पहले आनलाइन ही विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की वंदना की गई। इसके बाद दैनिक जागरण जालंधर के महाप्रबंधक नीरज शर्मा ने वेबिनार में जुड़े स्कूल प्रिसिपल, को-आर्डिनेटर, अध्यापकों आदि के साथ मुख्य वक्ता सेट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के रिटायर्ड डायरेक्टर एमवीवी प्रसादा राउ के साथ रुबरु करवाया।
उन्होंने शिक्षकों को पढ़ाने के तौर-तरीकों में नवीनीकरण की बात पर जोर दिया। प्रसादा राउ ने शिक्षकों के गुणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केवल शिक्षक बनना और एक अच्छा शिक्षक बनने में बहुत अंतर होता है। अच्छा शिक्षक बनने के लिए बच्चों की मानसिकता, रवैया, रुचि को समझना जरूरी है। इन सबको समझे बिना आज के दौर में नहीं पढ़ाया जा सकता। उन्होंने कहा कि टेक्नोलाजी के साथ हमारे पढ़ाने के तरीके भी बदले हैं। हालांकि टेक्नोलाजी को अध्यापक का विकल्प नहीं माना जा सकता, क्योंकि वह केवल एक मशीन है जिसमें बच्चों को भावनात्मक स्तर पर नहीं समझा जा सकता है। एक कक्षा में विभिन्न प्रकार के बच्चे होते हैं। जब तक बच्चे के व्यवहार, परिवार का माहौल, रुचि आदि को न समझा जाए, उनके साथ पढ़ाई में न्याय नहीं हो सकता है। अध्यापन में बच्चे, अध्यापक और माता-पिता का अहम रोल
प्रसादा राउ ने कहा कि आसान शब्दों में कहें तो बच्चों के साथ तालमेल होना बहुत जरूरी है। अध्यापन में बच्चे, अध्यापक और उसके माता-पिता तीनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसी एक का भी असहयोग बच्चों की गुणवत्ता वृद्धि को रोकता है। वहीं सोसायटी की अध्यक्ष जसविदर सेठी ने वेबिनार के अंत में दैनिक जागरण, मुख्य स्पीकर और देश भर से जुड़े अध्यापकों का धन्यवाद किया और साथ ही अगले शनिवार को नए अतिथि के साथ जुड़ते हुए विचार साझा करने की बात कही।