सिगरेट का सेवन न करने वाले भी कैंसर व छाती रोगों का शिकार हो रहे : डा. अरविद
पर्यावरण में घुल रहा प्रदूषण एक ऐसा जहर है जो हर व्यक्ति को बीमार कर रहा है।
जागरण संवाददाता अमृतसर :
पर्यावरण में घुल रहा प्रदूषण एक ऐसा जहर है जो हर व्यक्ति को बीमार बना रहा है। अगले 20 सालों में छाती से संबंधित रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। आमतौर पर धूमपान करने वाले लोग छाती रोगों से ग्रसित होते थे, लेकिन वर्तमान में प्रदूषण का जहर भी लोगों को इन बीमारियों के चपेट में धकेल रहा है। यह जानकर हैरानी होगी कि कैंसर व छाती रोगों से पीड़ित 50 प्रतिशत लोग वे हैं जिन्होंने कभी सिगरेट का सेवन नहीं किया था। वहीं 40 प्रतिशत महिलाएं भी इन बीमारियों की चपेट में हैं।
उक्त जानकारी मेदांता अस्पताल गुड़गांव के इंस्टिट्यूट आफ चेस्ट सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डा. अरविद कुमार ने शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन में दी। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण गंभीर समस्या बनती जा रही हैं। हर इंसान प्रदूषण के रूप में धुएं का सेवन कर रहा है। यूं कहिए कि अनजाने में प्रतिदिन 10 सिगरेट पी रहा है। इसकी वजह से टीबी के साथ-साथ फेफड़ों के चारों तरफ पस इकट्ठा होना, लंग कैंसर, एसोफेगस कैंसर, थाईमोमा और विड पाइप का कैंसर लोगों को घेर रहा है। मेदांता अस्पताल द्वारा अमृतसर के अदलखा अस्पताल में चेस्ट सर्जरी ओपीडी की शुरुआत की गई है। इसमें चेस्ट सर्जन डा. हर्षवर्धन पुरी मरीजों की जांच कर रहे हैं। डा. हर्षवर्धन पुरी के अनुसार डा. अरविद कुमार के नेतृत्व में देश की पहली चेस्ट सर्जिकल टीम काम कर रही है, जो मरीजों की चेस्ट सर्जरी, दूरबीन व रोबोटिक पद्धति द्वारा करने में सक्षम है। अमृतसर में चेस्ट सर्जरी की ओपीडी शुरू होने से मरीजों को राहत मिलेगी।