यह तरीका गलत है . डोप टेस्ट करवाओ, पर कोरोना को मत बुलाओ
जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ीं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ीं। मंगलवार को यहां डोप टेस्ट करवाने आए 100 से अधिक लोगों ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं किया। कई ने तो चेहरे पर मास्क भी नहीं पहना था। अचानक भीड़ बढ़ गई। स्टाफ ने लोगों को ताकीद की कि वे निर्धारित दूरी का पालन करें। जब आपका नंबर आएगा आपको आवाज दे देंगे, पर लोग माने नहीं।
असल में डोप टेस्ट की प्रक्रिया यूरिन सैंपल लेकर की जाती है। एक व्यक्ति को यूरिन सैंपल देने में एक मिनट से अधिक का समय नहीं लगता। इसके बावजूद लोग पहले पहले मैं के चक्कर में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे। सिविल अस्पताल की लैब में डोप टेस्ट होते हैं। लैब के बाहर पर्याप्त स्थान है और कुर्सियां भी लगाई गई हैं, पर लोग भीड़ में खड़े रहना ज्यादा पसंद करते हैं। पंजाब सरकार ने पिछले वर्ष असलहा धारकों के लिए डोप टेस्ट की प्रक्रिया अनिवार्य की थी। जिले में 40 हजार के करीब असलहा धारक हैं। कोरोना काल में छह माह तक डोप टेस्ट बंद रहा। अब पुन: शुरू हुआ है तो लोग भीड़ मचा रहे हैं।