अमृतसर के तहसील कांप्लेक्स में रिकार्ड रखने के लिए कोई कमरा नहीं, दस्तावेजों की हो रही दुर्गति

तहसील कांप्लेक्स में सरकारी रिकार्ड की कोई कीमत नहीं है। प्रशासन की तरफ से सरकारी रिकार्ड रखने के लिए रिकार्ड रूम तो बनाया गया है लेकिन इस रिकार्ड को रखने के लिए उस रिकार्ड रूम में कोई जगह नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 11:01 AM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 11:01 AM (IST)
अमृतसर के तहसील कांप्लेक्स में रिकार्ड रखने के लिए कोई कमरा नहीं, दस्तावेजों की हो रही दुर्गति
अमृतसर के तहसील कांप्लेक्स में रिकार्ड रखने के लिए कोई कमरा नहीं, दस्तावेजों की हो रही दुर्गति

जागरण संवाददाता, अमृतसर : तहसील कांप्लेक्स में सरकारी रिकार्ड की कोई कीमत नहीं है। प्रशासन की तरफ से सरकारी रिकार्ड रखने के लिए रिकार्ड रूम तो बनाया गया है, लेकिन इस रिकार्ड को रखने के लिए उस रिकार्ड रूम में कोई जगह नहीं है। यही कारण है कि दोनों तहसीलों का रिकार्ड बोरियों में भरकर छतों में ठूंस-ठूंस कर रख दिया गया है। कुछ रिकार्ड तो बाहर ही खुले में रखा गया है। अगर जब कभी बारिश भी हो जाती है तो यह रिकार्ड अक्सर भीगता ही रहता है। लोगों की करोड़ो रुपये की जमीन से जुड़ा हुआ यह रिकार्ड है। जिसकी अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है। देखा जाए तो तहसील कांप्लेक्स अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है। बता दें कि प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे तो करते हैं, लेकिन तहसील कांप्लेक्स में अव्यवस्थाएं चरम पर हैं। बता दें कि तहसील कांप्लेक्स की रेनोवेशन का काम वर्ष 2016 में हुआ था, जिस पर पांच करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। तहसील को पूरी तरह से वातानुकूलित किया गया था। दो अगस्त 2016 को तत्कालीन मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस कांप्लेक्स का शुभारंभ किया था। उस समय में वह उसी विभाग के मंत्री भी थे। 20 से 25 साल पुराना है रिकार्ड

तहसील कांप्लेक्स में खुले में पड़ा यह रिकार्ड पिछले 20 से 25 साल पुराना है। यह सभी दस्तावेज जमीन से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा नई दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस वे के लिए कई गांवों की जमीनें एक्वायर होनी हैं, उसके दस्तावेज भी इनमें शामिल हैं। इन दस्तावेजों को देखा जाना है कि किस गांव की जमीन इस प्रोजेक्ट के अधीन आ रही है, जिसके बाद उसके मालिक को मुआवजा दिया जाना है। रिकार्ड को संभालकर रखे प्रशासन : एडवोकेट

एडवोकेट नरेश गिल ने कहा कि पंजाब सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च करके तहसील कांप्लेक्स की रेनोवेशन करवाया था। अब हालात यहां बदतर हो चुके हैं। अधिकारी लापरवाह हैं, इसलिए जहां सरकारी रिकार्ड की कोई परवाह नहीं है, वहीं बिल्डिंग में किसी तरह की सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस इमारत में जो पैसे लगे हैं, वह लोगों के हैं। उन्होंने कहा कि दोनों तहसील कांप्लेक्स में बिल्डिग के शुभारंभ के मौके पर दो एलईडी भी लगवाई गई थी, लेकिन वह तभी से टूटी हुई है। उसे किसी भी अधिकारी ने ठीक करवाने की कोशिश तक नहीं की। उन्होंने मांग की कि तहसील कांप्लेक्स में बिखरे पड़े इस रिकार्ड को रिकार्ड रूम में संभालकर रखा जाए, क्योंकि किसी भी समय इन रिका‌र्ड्स की जरुरत पड़ सकती है।

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