फूलों की खुशबू से महका किताबों का संसार

डिजीटल दुनिया की सैर बेशक किया करो लेकिन कभी कभार किसी बगीचे में सुस्ताते हुए एकाध किताब जरूर पढ़ा करो..

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 06:25 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 06:25 PM (IST)
फूलों की खुशबू से महका किताबों का संसार
फूलों की खुशबू से महका किताबों का संसार

अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर

डिजीटल दुनिया की सैर बेशक किया करो लेकिन कभी कभार किसी बगीचे में सुस्ताते हुए एकाध किताब जरूर पढ़ा करो..

किसी कवि की उक्त पंक्तियों से प्रेरित होकर युवाओं का हुजूम खालसा कालेज परिसर में शुरू हुए साहित्य उत्सव व पुस्तक मेले के दूसरे दिन उमड़ा। पेड़ों की छांव में लगाए गए पुस्तकों के स्टाल पर संचालक सुस्ता नहीं रहे थे, बल्कि युवाओं में किताबों के प्रति बढ़ रहे रुझान को देख कर चहक रहे थे। वहीं पुस्तक मेले के प्रवेश द्वार में एंट्री के साथ रखे सैकड़ों फूलदानों में रोपित फूलों की भीनी-भीनी सुगंध से साहित्य उत्सव व पुस्तक मेला महक रहा था। लगभग 50 मीटर तक सजाए गए फूल के पौधे बिक्री के लिए रखे गए थे।

नेशनल बुक ट्रस्ट की ओर से खालसा कालेज के सहयोग से आयोजित किए गए पुस्तक मेले में सुबह नौ बजे से ही पाठक व साहित्यकार पहुंचने शुरू हो गए थे।

मेले में अलग-अलग स्टालों में धार्मिक, देश भक्ति, विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि करने वाली किताबें उपलब्ध थी।

खालसा कालेज के थियेटर विभाग के विद्यार्थियों ने साहिब श्री गुरु नानक देव जी के जीवन को दर्शाता नाटक 'विस्माद' पेश किया।

दूसरे दिन गुरु साहिब की बाणी व शहादत के गौरव पर गंभीर चितन करने के लिए श्री गुरु तेग बहादुर : बाणी व शहादत का गौरव विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार भी शुरू हुआ। सेमिनार का उद्घाटन प्रसिद्ध सिख चितक अमरजीत सिंह ग्रेवाल ने किया। समारोह में मुख्य मेहमान के रूप में श्री दरबार साहिब के हेड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी बलविदर सिंह शामिल हुए।

इस अवसर पर प्रिसिपल डा. महल सिंह, सुखमीन बेदी, रजिस्ट्रार प्रो. दविदर सिंह, भुपिदर सिंह, प्रो. हीरा सिंह, कुलदीप सिंह, सुखदेव सिंह आदि मौजूद थे।

कवि दरबार में युवाओं ने पेश की कविताएं

पुस्तक मेले में कवि दरबार में मुख्य मेहमान के रूप में प्रसिद्ध शायर गुरतेज कोहारावाला पहुंचे। कवि दरबार की अध्यक्षता अजायब हुंदल ने की। शायर देव दर्द ने मंच संचालन किया। कवि हरमीत विद्यार्थी, विशाल, अरतिदर संधू, मलविदर, रोजी सिंह व इंद्रेशमीत को अपनी कलाम पेश किए।

दो पुस्तकें रिलीज की गई

इस अवसर पर गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित दो पुस्तकें श्री गुरु तेग बहादुर : बाणी व शहादत का गौरव तथा श्री गुरु तेग बहादुर : जीवन फलसफा व शहादत रिलीज की गयी जिसमें दुनिया भर के विद्वानों ने गुरु साहिब की बाणी, शहादत व शख्सियत के अलग अलग पहलुओं के बारे गहरे अध्ययन पर चितन से भरपूर लेख लिखे है।

बुक्स लवर्स में पंजाबी भाषा के प्रति दिखा मोह

पुस्तक मेले में पंजाबी अक्खर माला के पोस्टर को खरीदने के लिए पाठकों में जबरदस्त क्रेज रहा। दो दिन में स्टाल लगाने वाले बचितर सिंह ने करीब 200 पंजाबी अक्खर माला के पोस्टर बेच दिए। उन्होंने कहा कि लोग 35 अक्षर पर आधारित पंजाबी अक्खर माला के बारे अपने बच्चों को जानकारी देने के लिए पोस्टर खरीद रहे हैं। एक पोस्टर उन्होंने 50 रुपये में बेचा।

50 प्रकाशकों से अधिक ने लगाया स्टाल

पुस्तक मेले में करीब 50 से अधिक प्रकाशकों ने स्टाल लगाया। इसके साथ ही पंजाबी सभ्याचार को दर्शाते हुए सत्थ पर युवा ताश व बारा टाणी का आनंद उठा रहे थे। साथ ही भट्ठी पर वृद्ध महिला मक्की के दाने भून रही थी। खालसा कालेज के फाइन आ‌र्ट्स विभाग की छात्राओं ने चित्रकला प्रदर्शनी, फूड साइंस विभाग ने खाद्य पदार्थ सजाए हुए थे। खाने-पीने के स्टालों पर रही युवाओं की भीड़

उत्सव जैसा भी हो, लेकिन खाने पीने के प्रति युवाओं का जुनून कायम रहता है। पुस्तक मेले में लगाए गए खानपान के स्टाल में काफी भीड़ देखी गई। आर्गेनिक फूड स्टाल ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

हस्त निर्मित वस्तुएं भी खूब बिकी

पुस्तक मेले में हस्त निर्मित वस्तुओं का स्टाल आकर्षण का केंद्र रहा। हैंड मेड पर्स, मोबाइल फोन कवर, दुपट्टे व महिलाओं के श्रृंगार संबंधी अलग अलग वस्तुएं इस स्टाल पर रखी गयी थी जहां पर युवाओं ने अपनी दिलचस्पी प्रकट की।

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