आज से तीन दिन अमृतसर से नहीं चलेंगी 200 सरकारी बसें

छह से आठ सितंबर तक यदि आप बस में दूसरे शहर जाने की सोच रहे हैं तो घर से बसों की जानकारी लेकर ही निकलें।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 06:31 PM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 08:31 PM (IST)
आज से तीन दिन अमृतसर से नहीं चलेंगी 200 सरकारी बसें
आज से तीन दिन अमृतसर से नहीं चलेंगी 200 सरकारी बसें

कमल कोहली, अमृतसर

छह से आठ सितंबर तक यदि आप बस में दूसरे शहर जाने की सोच रहे हैं तो घर से बसों की जानकारी लेकर ही निकलें। वरना आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वह इसलिए क्योंकि पनबस व पीआरटीसी के बसों का पहिया सोमवार से बुधवार तक जाम रहेगा। यह हड़ताल करने का निर्णय पंजाब रोडवेज पनबस- पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने लिया है। इस तीन दिवसीय बसों के पहिया जाम से पंजाब में करीब 1250 पनबस और 850 पीआरटीसी की बसें ठप रहेंगी। अमृतसर डिपो नंबर वन और टू की अमृतसर बस अड्डे से चलने वाली करीब 200 बसें (90 प्रतिशत) नहीं चलेंगी। यूनियन द्वारा इस बार बस अड्डे में किसी तरह का प्रदर्शन करने की रूपरेखा नहीं बनाई है। इस कारण बस अड्डे से प्राइवेट व दूसरे प्रदेशों से आने वाली बसों का आवागमन निर्धारित समय पर होता रहेगा। हड़ताल के कारण पंजाब रोडवेज की करीब 33 बसें चलेंगी। यह सिर्फ जालंधर तक ही रवाना होंगी। अमृतसर डिपो नंबर टू के जीएम परमजीत सिंह ने बताया कि हड़ताल के कारण अधिकतर बसें बंद रहेंगी। इससे काफी रूट प्रभावित होंगे। यह रूट होंगे प्रभावित

अमृतसर से चंडीगढ़, दिल्ली, पठानकोट, जालंधर, गंगानगर, चितपूर्णी, ज्वाला जी, श्री मणिकर्ण साहिब, डेरा बाबा नानक, अजनाला, अटारी, खेमकरण, लखनपुर व अन्य कई शहरों को जाने वाली बसें प्रभावित होंगी। हड़ताल में यूनियन करेगी कई कार्यक्रम

पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोध सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय हड़ताल के प्रथम दिन छह सितंबर को सभी डिपो में बसों का आवागमन बंद रहेगा। सात सितंबर को कर्मचारी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के आवास के बाहर पक्का धरना लगाएंगे और आठ सितंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षो से ठेके पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट माफिया के कारण सरकारी बसों का नुकसान हो रहा है। सरकार को करीब 10000 नई बसें चलानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का 2016 का नियम लागू करना चाहिए। उसके अनुसार वेतन देना चाहिए। रोजगार छीनने वाले नियम रद करने चाहिए। वह अन्य मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल की जा रही है।

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