डेंगू काल में व्यवस्था बदहाल, ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स का अभाव

कोरोना वायरस के बाद अब डेंगू महामारी ने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:30 AM (IST)
डेंगू काल में व्यवस्था बदहाल, ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स का अभाव
डेंगू काल में व्यवस्था बदहाल, ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स का अभाव

नितिन धीमान, अमृतसर: कोरोना वायरस के बाद अब डेंगू महामारी ने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। कोरोना काल में व्यवस्थाओं में आई खामियों को देखने के बावजूद सेहत विभाग सबक नहीं ले रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में पुख्ता इंतजाम न होने की वजह से मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

जिले में 1000 से अधिक डेंगू संक्रमित चिन्हित किए जा चुके हैं। खास बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग सिर्फ संक्रमितों का आंकड़ा सहेजने तक ही सीमित है। डेंगू काल में सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में रक्त कोशिकाएं यानी प्लेटलेट्स की आपूर्ति जरूरत के अनुसार पूरी-पूरी ही है। वह भी तब क्योंकि स्वेच्छिक रक्तदान के लिए युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है। अफसोसनाक पहलू यह भी है कि जिले के गुरु नानक देव अस्पताल में एफ्रेसिस मशीनें खराब हैं। शहर में फैले डेंगू के बीच इस मशीन की उपयोगिता किसी से छिपी नहीं। डेंगू संक्रमित मरीज के रक्त से प्लेटलेट्स कम होने की सूरत में इसी मशीन के जरिए रक्तदाता के रक्त से प्लेटलेट्स लेकर मरीज के शरीर तक पहुंचाए जाते हैं। दस वर्ष से अधिक का समय पूरा कर चुकी इन मशीनों का दम फूल चुका है। लिहाजा अब डेंगू संक्रमितों को पैकेट्स के जरिए प्लेटलेट्स दिए जा रहे हैं। असल में रक्तदाता का रक्त लेकर उसे सैग्मेंट स्प्रेटर मशीन में रखकर प्लाज्मा, लाल रक्त कणिकाएं व प्लेटलेट्स पृथक किए जाते हैं। इन प्लेटलेट्स को विशेष किट के जरिए मरीज के शरीर तक पहुंचाया जाता है। प्लेटलेट्स चढ़ाने की किट मरीजों को बाहर से सात हजार रुपये में खरीदनी पड़ रही

सरकारी व्यवस्था की उदासीनता देखिए, प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए प्रयोग में आने वाली किट भी मरीजों को बाहरी से मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही है। एक किट की कीमत सात हजार रुपये है। पूर्व में ये किट्स जन औषधि केंद्र में उपलब्ध करवाई जाती थी, पर जन औषधि केंद्र के बंद होने की वजह से इस बार किट्स नहीं भेजी गईं। स्वास्थ्य विभाग चाहता तो ये किट्स सिविल अस्पताल स्थित सरकारी दवा केंद्र में भी रखवा सकता था। डेंगू संक्रमितों का निश्शुल्क उपचार करने का दावा यहीं दम तोड़ता दिख रहा है। डोनर लाओ और प्लेटलेट्स पाओ

गुरु नानक देव अस्पताल में प्लेटलेट्स देने से पहले रक्तदान के लिए कहा जा रहा है। डेंगू संक्रमित मरीज को यदि प्लेटलेट्स चाहिए तो पहले रक्तदाता का इंतजाम करना होगा। अस्पताल का ब्लड बैंक हमेशा विवादों में रहा है। इस संकट की स्थिति में इस प्रकार की बदइंतजामी मरीजों पर भारी पड़ सकती है। सरकार ने आदेश जारी किया है कि किसी भी मरीज से रक्तदाता की मांग नहीं की जा सकती, पर ब्लड बैंक मनमानी पर उतरे हुए हैं। वहीं इस संबंधी सिविल सर्जन चरणजीत सिंह ने कहा कि वह मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे। वहां पर जो भी कमियां पाई जाएंगी, उन्हें दूर किया जाएगा।

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