जीएसटी की स्लैब बढ़ाने के फैसले पर व्यापारियों ने जताई चिता

जीएसटी कौंसिल की 45वीं मीटिग में विभिन्न उत्पादों पर स्लैब बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:41 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:41 PM (IST)
जीएसटी की स्लैब बढ़ाने के फैसले पर व्यापारियों ने जताई चिता
जीएसटी की स्लैब बढ़ाने के फैसले पर व्यापारियों ने जताई चिता

जासं, अमृतसर: जीएसटी कौंसिल की 45वीं मीटिग में विभिन्न उत्पादों पर स्लैब बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इस पर पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने चिता जाहिर की है। प्रधान प्यारे लाल सेठ व महासचिव समीर जैन ने बताया कि अब कई उत्पादों पर एक जनवरी 2022 से स्लैब बढ़ाई जा रही है। इस कारण आने वाले समय में महंगाई दर बढ़ने के साथ साथ व्यापार के लिए कार्यशील पूंजी भी बढ़ेगी जोकि कोरोना काल से उभरती हुई अर्थव्यवस्था को एक बार फिर विराम लगाने का कारण बन सकती हैं।

केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाए जाने के बाद रेवेन्यू के कई अन्य अतिरिक्त विकल्प तलाशे जा रहे हैं, मगर महंगाई को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के पैन पर जीएसटी स्लैब को 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जा रहा है। कोरोना काल के कारण व्यापार पहले से ही प्रभावित चल रहा क्योंकि शिक्षक संस्थान काफी से समय बंद रहे तथा सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को भी नजर अंदाज करते हुए रेवेन्यू को प्राथमिकता दी हैं। इसी तरह सभी तरह का कपड़ा, गारमेंट, फुटवेयर अब 1 जनवरी 2022 से 12 प्रतिशत जीएसटी की स्लैब में बेचा जाएगा। अभी तक एक हजार रुपये से कम मूल्य वाला कपड़ा (प्रति मीटर), गारमेंट, फुटवेयर पांच प्रतिशत की दर से बेचा जा रहा हैं। इस दर को सरकार ने बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है जिससे मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा। इन वस्तुओं की कीमतें सात से 10 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। गत्ते के कार्टून, डिब्बों, बैग, कागज के पैकिग कंटेनर पर भी जीएसटी दर बढ़ा कर 12 से 18 प्रतिशत कर दी गई हैं। देश में प्लास्टिक को रिसाइकल कर अनेकों वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। रिसाइकल प्लास्टिक का दाना प्लास्टिक वेस्ट से बनाया जाता है ताकि पर्यावरण में प्लास्टिक की तादाद कम से कम हो परंतु सरकार ने इसकी स्लैब भी पांच से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी है।

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