अमृतसर के सीपी की अपराधियों को चेतावनी- क्राइम छोड़ दें या फिर शहर, जानें और क्या कहा..

डिजिटलाइजेशन के दौर में हर नागरिक इंटरनेट से जुड़ चुका है। इस बीच साइबर ठगी के मामले भी बढ़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:00 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 06:01 PM (IST)
अमृतसर के सीपी की अपराधियों को चेतावनी- क्राइम छोड़ दें या फिर शहर, जानें और क्या कहा..
अमृतसर के सीपी की अपराधियों को चेतावनी- क्राइम छोड़ दें या फिर शहर, जानें और क्या कहा..

नवीन राजपूत, अमृतसर: डिजिटलाइजेशन के दौर में हर नागरिक इंटरनेट से जुड़ चुका है। इस बीच साइबर ठगी के मामले भी बढ़ रहे हैं। अपराधी आम आदमी से दस कदम आगे निकल चुके हैं। ऐसे में साइबर ठगों पर नकेल कसने और उनका नेटवर्क तोड़ने के लिए पुलिस को बीस कदम आगे लाने के लिए हम टेक्नोलाजी का अधिक इस्तेमाल कर हाईटेक व माडल पुलिस बना रहे हैं। इसके लिए सिटी विजिटर इनफार्मेशंस एंड रिकार्ड मैनेजमेंट सिस्टम (सीवीआइआरएमएस), पंजाब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (पीएआइएस) लागू किया गया हैं। महानगर में बढ़ रहे अपराध से लोग तंग आ चुके हैं। नशा तस्कर और गैंगस्टर पुलिस के निशाने पर हैं। आने वाले दिनों में अपराध के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू होगा। ऐसे में अपराधियों को चेतावनी है कि वे अपराध छोड़ दें या फिर शहर। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। ये बातें अमृतसर के पुलिस कमिश्नर विक्रम जीत दुग्गल ने दैनिक जागरण के साथ साक्षात्कार के दौरान कहीं। पेश हैं उनसे बातचीत के अंश: सवाल - शहर में बढ़ रही लूटपाट और गोलीकांड की घटनाओं को पुलिस कैसे रोकेगी?

जवाब- पुलिस फोर्स और गुप्तचर सिस्टम को अलर्ट पर रखा गया है। शहर में लगातार नाके लगाए जा रहे हैं। नए और पुराने पुलिस कर्मियों को इंटेलिजेंस विग में लगाया जा रहा है ताकि जल्द पता लगाया जा सके कि अपराधी शहर के किस हिस्से में एक्टिव होकर वारदात को अंजाम देने वाले हैं। लोगों के सहयोग से ही अपराध को कम किया जा सकता है। उनकी अपील है कि प्रत्येक गली और सड़क पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। सवाल - मानसिक तनाव से पीड़ित और थकी पुलिस से कैसे काम लेंगे?

जवाब- पुलिस फोर्स पर हमें गर्व है। पुलिस जवान न तो थकते हैं और न ही मानसिक दबाव में रहते हैं। अपनी फोर्स के साथ 24 घंटे खड़े हैं। उनकी समस्याओं का हल किया जाएगा। मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए प्रत्येक कर्मचारी को जन्मदिन और सालगिरह की छुट्टी घोषित की गई है ताकि वह अपने परिवार के साथ इस खुशी के मौके के पल बिताकर तनाव को कम कर सकें। इसके अलावा पुलिस लाइन में जिम और योग कक्षाओं का भी आयोजन करवाया जा रहा है। सवाल - आतंकी वारदातों को पुलिस कैसे रोकेगी?

जवाब - पुलिस शहर में आतंकी वारदात नहीं होने देगी। विगत में पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर टेरेरिस्ट माड्यूल का पर्दाफाश किया है। देश की सुरक्षा एजेंसियां व पुलिस संदिग्धों और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम है। जनता सतर्क रहे, सहयोग करे और डरने की जरूरत नहीं है। सवाल - हाईटेक अपराधियों पर कैसे कसेंगे शिकंजा?

जवाब - हाल ही में डिजिटल मैपिग, सिटी विजिटर इनफार्मेशंस एंड रिकार्ड मैनेजमेंट सिस्टम (सीवीआइआरएमएस), पंजाब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (पीएआइएस), ट्रैफिक हेल्पलाइन नंबर, महिला हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। पुलिस के साइबर विग को भी सशक्त किया जा रहा है। नफरी भी बढ़ाई जा रही है। अपराधी खाकी की पकड़ से भाग नहीं सकेंगे। अपराधियों की पहचान के लिए डिजीटल मैपिग शुरू की है। इस एप्लीकेशन में 6400 से ज्यादा अपराधियों का डाटा अब तक अपलोड किया जा चुका है। पुलिस कर्मी किसी भी नाके, चौक पर रोककर किसी की डिजिटिल मैपिग करेंगे तो उस आदमी का सारा रिकार्ड पुलिस के मोबाइल एप पर दिख जाएगा। सवाल - पुलिस और जनता में मैत्रीपूर्ण संबंध कैसे स्थापित करेंगे?

जवाब - पुलिस और लोगों में मैत्री संबंध बनाना बहुत जरूरी है। लोगों को लगना चाहिए कि पुलिस जनता की दोस्त है और वह पुलिस मुलाजिमों से डरे नहीं। इसके लिए वह अपनी फोर्स को भी सुझाव दे रहे हैं। थाना और चौकी स्तर पर मुलाजिमों में इस बारे में जागरूकता भी लाई जा रही है। इसके लिए कार्यक्रम भी करवाए जाएंगे। सवाल - थानों में सुनवाई न हो तो लोग शिकायत लेकर कहां जाएं?

जवाब - कोई भी व्यक्ति अपने इलाके के पास पड़ते थाना और पुलिस चौकी में जाकर शिकायत दर्ज करवा सकता है। अगर वहां कोई मुलाजिम सुनवाई नहीं करता, रिश्वत मांगता है तो उसकी शिकायत मुझे की जा सकती है। वह सख्त एक्शन लेंगे। आरोप साबित होने पर मुलाजिम को सस्पेंड से लेकर टर्मिनेट किया जाएगा। जैसा कि वह देहाती में पहले कर चुके हैं। सवाल - महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को कैसे रोकेंगे?

जवाब - महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर काबू पाने के लिए महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। महिलाओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए खासकर डेस्क पर महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति भी की गई है। इसके साथ ही शक्ति टीम का गठन किया गया है, जो रोड साइड क्राइम पर नजर रखेंगी। शक्ति टीम के साथ एक पीसीआर की टीम भी बैकअप के लिए रहेगी।

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