अमृतसर रेलसे स्टेशन पर कंप्यूटराइज्ड होगा पार्सल विभाग, जानें लोगों और व्यापारियों को क्या लाभ होगा..

समय के साथ-साथ रेलवे अपना हर काम कंप्यूटाइज्ड कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 Oct 2021 07:03 AM (IST) Updated:Sun, 31 Oct 2021 07:03 AM (IST)
अमृतसर रेलसे स्टेशन पर कंप्यूटराइज्ड होगा पार्सल विभाग, जानें लोगों और व्यापारियों को क्या लाभ होगा..
अमृतसर रेलसे स्टेशन पर कंप्यूटराइज्ड होगा पार्सल विभाग, जानें लोगों और व्यापारियों को क्या लाभ होगा..

विक्की कुमार, अमृतसर: समय के साथ-साथ रेलवे अपना हर काम कंप्यूटाइज्ड कर रहा है। डिजिटलाइजेशन के दौर में यह जरूरी भी है। इसी के तहत रेलवे के पार्सल विभाग को भी कंप्यूटराइज्ड करने का काम शुरू कर दिया गया है। इससे लोग और व्यापारी 120 दिन पहले ही अपना माल बुक करवा सकेंगे। हालांकि पहले यह सुविधा सिर्फ लीज का माल बुक करवाने वालों के लिए थी। दूसरा सामान बुक करने पर उनकी रसीद पर बार कोड भी आएगा। माल बुक करवाने वाला व्यक्ति इसके जरिए अपने सामान को ट्रैक कर सकेगा कि वह इस समय कौन से स्टेशन पर पहुंचा है।

फिरोजपुर डिवीजन की तरफ से पहले फेज में तीन रेलवे स्टेशनों का काम किया जाना है। इसमें सबसे पहले अमृतसर रेलवे स्टेशन का काम होगा। इसके बाद लुधियाना और फिर जालंधर में यह कार्य होगा। इससे पहले दिल्ली डिवीजन में पार्सल विभाग को कंप्यूटराइज्ड किया गया था। वहां पर इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद फिरोजपुर डिवीजन में इसे शुरू किया जा रहा है। फिलहाल अमृतसर रेलवे स्टेशन पर इसका काम तेजी से शुरू कर दिया है। डिवीजन की तरफ से मार्च 2022 से पहले इसका सारा काम पूरा करने का टारगेट रखा गया है। अधिकारियों का दावा है कि तय समय से पहले ही इसका काम खत्म कर लिया जाएगा। अभी पार्सल विभाग में काम मैनुअली किया जा रहा है। यह विभाग कंप्यूटराइज्ड होने के बाद कागजी कामकाज से निजात मिल जाएगी। यहां यह भी बताने योग्य है कि अमृतसर रेलवे स्टेशन को व‌र्ल्ड क्लास स्टेशन बनाया जा रहा है। इसके तहत कई काम किए जा चुके हैं। नहीं होगी ओवरचार्जिग, मशीन पर भार और किराया आएगा नजर

सारा काम कंप्यूटराइज्ड होने के बाद भार तोलने वाली मशीन पर सामान रखते ही भार और किराया दोनों स्क्रीन पर आ जाएंगे। बाद में क्लेरिकल स्टाफ सामान की एंट्री कंप्यूटर में करेगा। उस रसीद का प्रिट निकालने पर उसमें एक बारकोड भी आएगा, जिसे स्कैन कर लोग यह पता लगा सकेंगे कि उनका सामान किस स्टेशन पर पहुंचा है। लोगों को पार्सल विभाग में फोन करके पता करने की जरूरत नहीं रहेगी। बारकोड के यह फायदे रहेंगे कि पहले पार्सल में मार्का लगता था, जो बारिश में धुलने का भी डर रहता था। कंप्यूटराइज्ड होने के बाद व्यापारी को बारकोड मिलेगा। ओवरलोडिग व ओवरचार्जिग से संबंधित शिकायतें भी नहीं आएंगी। क्योंकि व्यापारी के सामने ही सब कुछ रसीद पर आ जाएगा। एक काउंटर लीज वालों के लिए और सात व्यापारियों के लिए

रेलवे की तरफ से पार्सल विभाग में आठ काउंटर बनाए जा रहे हैं। इसमें से छह काउंटर माल बुक करवाने के लिए रखे गए हैं, जबकि दो अतिरिक्त काउंटर रखे गए हैं। जरूरत पड़ने पर उन दो काउंटरों को भी खोल दिया जाएगा। इनमें एक काउंटर तो लीज वाला माल बुक करवाने के लिए होगा। बाकी के काउंटरों पर कोई भी व्यापारी माल बुक करवा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि उनकी कोशिश रहेगी कि सभी आठ काउंटरों को एक्टिव रखा जाए। व्यापारियों को मिलेगा फायदा, अतिरिक्त खर्चा बचेगा

पार्सल विभाग के कंप्यूटराइज्ड होने के बाद व्यापारियों को काफी फायदा होगा। अभी जब वह माल भेज रहे हैं तो उन्हें यह पता नहीं चलता है कि कब उनका माल वहां पर पहुंचा है। इसके अलावा कई-कई दिन व्यापारियों का माल आ जाता है और वह पड़ा रहता है, जिससे उन्हें वहां सामान पड़े रहने के एक-एक दिन के हिसाब से अतिरिक्त पैसे देने पड़ते हैं। अब जब व्यापारियों को बारकोड मिल जाएगा तो वह अपना माल ट्रैक कर लेंगे कि पहुंच गया है कि नहीं और वह उसी दिन उसे उठवा लेंगे। लीज का माल 120 दिन पहले बुक करवा सकेंगे

रेलवे की तरफ से लीज का माल बुक करवाने की सुविधा पहले से ही चल रही है। इसमें व्यापारी 120 दिन पहले ही अपना माल बुक करवा सकता है। व्यापारी इस सुविधा का फायदा भी उठा रहा है।

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