मर गई मां की ममता, नवजन्मी बच्ची को नाले के पास झाड़ियों में फेंका, मृत मिली
शहर में एक बेहद झकझोरने वाली घटना हुई। थाना गेट हकीमां के अधीन आते इलाके अन्नगढ़ गंदे नाले के पास झाड़ियों में कोई नवजन्मी बच्ची को फेंक गया।
जासं, अमृतसर: शहर में एक बेहद झकझोरने वाली घटना हुई। थाना गेट हकीमां के अधीन आते इलाके अन्नगढ़ गंदे नाले के पास झाड़ियों में कोई नवजन्मी बच्ची को फेंक गया। उसे जब तक अस्पताल ले जाया जाता, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। एंटी क्राइम एंड एनिमल प्रोटेक्शन एसोसिएशन के चेयरमैन डा. रोहन मेहरा ने बताया कि उन्हें वीरवार सुबह 11 बजे सूचना मिली तो वह मेंबर राखी बेदी, अजय शिगारी के साथ मौके पर पहुंचे। तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। घटना की जानकारी पुलिस को दी तो पुलिस चौकी अन्नगढ़ के एएसआइ मेजर सिंह मौके पर पहुंचे। आसपास के सीसीटीवी खंगाले तो पता चला कि बुधवार की रात करीब 11 बजे एक आटो सीसीटीवी में कैद हुआ है, जिसमें बैठे किसी शख्स ने उस बच्ची को फेंका और फिर फरार हो गए।
पुलिस ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया है। पुलिस उस आटो चालक की पहचान करने में जुट गई है। एएसआइ मेजर सिंह का कहना है कि आरोपित की जल्द पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। डा. रोहन ने इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। अपील, बेटा-बेटी में फर्क न करें,
बहुत हैं बेटियों उदाहरणें जिनमें किया है देश का नाम रोशन
आज भी कुछ लोग बेटा और बेटी में अंतर कर रहे हैं। बेटी को बोझ समझते हैं। शायद इसी लिए उसे दुनिया में आने से पहले ही खत्म कर देते हैं या फिर जब वह इस धरती पर आ जाए तो उसे न अपनाकर फेंक देते हैं। हम आधुनिक युग में जरूर हैं मगर आज भी कुछ लोगों की सोच पिछड़ी हुई है। इसे बदलें। आज के समय में वो उदाहरणें देखें जिसमें बेटियों ने माता-पिता को गौरवान्वित करते हुए सफलता के झंडे गाढ़े हैं और देश का नाम रोशन किया है। धरती पर आई परी दुनिया के रंग देख गई
यह नन्ही सी परी अन्नगढ़ गंदे नाले के पास झाड़ियों में मिली। कोई आटो सवार इसे बुधवार की रात 11 बजे झाड़ियों में फेंक कर गया। वीरवार सुबह 11 बजे तक बच्ची वहां पर पड़ी रही। इस बच्ची ने यह सोचा भी नहीं होगा कि उसकी मां उसका ऐसा हाल करेगी। वह इस धरती पर आई जरूर पर आते ही उसने इस दुनिया के रंग जरूर देख गई। साथ ही लोगों को यह संदेश दे गई कि आज भी इस समाज में बेटियों के साथ भेदभाव करे वाले बैठे हैं। इसलिए इस सोच को खत्म करें वरना परिवार नहीं बढ़ पाएंगे और बेटियों का नामोनिशान नहीं रहेगा।