पहले टीके के बाद नहीं आया था मैसेज, अब दूसरी डोज लगाने से स्वास्थ्य कर्मियों ने किया इन्कार

पहली डोज लगवा चुके कई लोग कोविन एप पर पंजीकृत नहीं किए गए। अब उन्हें दूसरी डोज नहीं लगाई जा रही। ऐसे में वे परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 07:00 AM (IST)
पहले टीके के बाद नहीं आया था मैसेज, अब दूसरी डोज लगाने से स्वास्थ्य कर्मियों ने किया इन्कार
पहले टीके के बाद नहीं आया था मैसेज, अब दूसरी डोज लगाने से स्वास्थ्य कर्मियों ने किया इन्कार

जासं, अमृतसर: कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इन सबके बीच एक बड़ी समस्या लोगों के सामने आ रही है। वो यह कि पहली डोज लगवा चुके कई लोग कोविन एप पर पंजीकृत नहीं किए गए। लिहाजा इनके मोबाइल पर मैसेज नहीं आया। अब 84 दिन बीतने के बाद ये लोग दूसरी डोज लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर पहुंच रहे हैं, पर स्टाफ मोबाइल में मैसेज दिखाने की बात कह रहा है। अमृतसर के करीब सभी टीकाकरण केंद्रों पर स्टाफ का यही जवाब है। जानकारी के अनुसार जिले में ऐसे करीब चार-पांच हजार लोग हैं जिनको पहली डोज लगाने पर मैसेज नहीं आया।

16 जनवरी को जिले में टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया। इसके बाद 45 से अधिक आयु के उन लोगों को जो किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे। इसके बाद 18 से अधिक आयु का टीकाकरण शुरू हुआ। मई व जून महीने में पहली डोज लगवा चुके लोग टीकाकरण केंद्रों में पहुंच रहे हैं, पर स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की छोटी सी गलती की वजह से इन्हें दूसरी डोज नहीं लग पा रही। यही वजह है कि जिले में पहली डोज लगवाने वालों की गिनती अधिक है। अब तक 837053 लोगों ने पहली डोज लगवाई, जबकि महज 261296 लोगों को दूसरी डोज लग पाई। सिविल अस्पताल में जार्ज मसीह नामक युवक को रजिस्ट्रेशन का काम सौंपा गया है। उसके अनुसार हम सभी लोगों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। केस- एक : स्टाफ ने कहा था एक-दो दिन में मैसेज मिल जाएगा, पर आज तक नहीं आया

रविवार को सिविल अस्पताल में पहुंचे संदीप सिंह नामक युवक ने बताया कि उसे 27 मई को पहली डोज लगी थी। उस समय मोबाइल पर मैसेज नहीं आया। मैंने स्टाफ से पूछा तो जवाब मिला कि एक दो दिन में मैसेज मिल जाएगा, पर आज तक नहीं आया। अब तो 99 दिन बीत चुके हैं। मैं कई बार सिविल अस्पताल में आ चुका हूं। स्टाफ ने न तो मेरी पहली डोज को पंजीकृत किया और न ही अब कर रहा है। हर बार कल आने की बात कहकर टाल देते हैं। केस- दो : परिवार सहित दूसरे राज्य में जाना है, अब दूसरी डोज नहीं लगाई जा रही

सुल्तानविड रोड निवासी दविदर शर्मा भी टीकाकरण केंद्र में दूसरी डोज लगवाने पहुंचे। उन्हें भी पहली डोज लगने के बाद मैसेज नहीं मिला था। स्टाफ ने रटारटाया जवाब दे दिया कि मैसेज के बिना हम दूसरी डोज लगा ही नहीं सकते। दविदर शर्मा के अनुसार यह लापरवाही तो स्टाफ की है। वह कई बार यहां आकर बता चुके थे कि उन्हें मैसेज नहीं आया। इन्होंने मेरी बात अनसुनी की। अब दूसरी डोज लगाने से इन्कार कर रहे हैं। मैं अगले सप्ताह परिवार सहित राज्य से बाहर जा रहा हूं। वहां वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना पड़ेगा। स्टाफ की गलती की वजह से मुझे आरटीपीसीआर टेस्ट करवाकर बाहर जाना पड़ेगा और वहां से लौटते वक्त पुन: टेस्ट करवाना होगा। वेटिग एरिया को लोगों का इंतजार

अब लोग टीका लगवाने के बाद आधा घंटा वेटिग एरिया में रुकते नहीं। सिविल अस्पताल स्थित वेटिग एरिया की कुर्सियां खाली हैं। नियमानुसार टीका लगवाने के बाद यहां रुकना अनिवार्य है। इस दौरान यदि टीके का कोई विपरीत प्रभाव महसूस हो तो डाक्टर उसकी निगरानी करते हैं, पर वेटिग एरिया में न लोग बैठते हैं और न ही डाक्टर। अब तो सुरक्षा कर्मी भी यहां नहीं दिखाई देते। डाक्टर की कुर्सी भी गायब है।

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