भगवान श्री कृष्ण के अमूल्य ज्ञान को अपने भीतर अपनाएं : स्वामी आर्यवेश
भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हमें अपने गौरवशाली विरासत को संभालने की जरूरत है।
संस, अमृतसर: भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हमें अपने गौरवशाली विरासत को संभालने की जरूरत है। जरूरत है कि हम योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के अमूल्य ज्ञान को अपने भीतर अपनाएं। उनका जीवन मर्यादाओं से परिपूर्ण रहा है। उनका जीवन दर्शन विश्व के लिए प्रेरणास्त्रोत तथा अधर्म, अन्याय, जुल्म, अत्याचार को मिटा कर विश्व में शांति की स्थापना का संदेश देता है। यह विचार सांस्कृतिक विरासत संभाल कार्यक्रम में प्रादेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के राष्ट्रीय प्रमुख स्वामी आर्यवेश ने व्यक्त किए।
स्वामी आर्यवेश शहर में विश्व की गौरवमय वैदिक संस्कृति के गौरवमय महापुरुष श्री योगीराज श्री कृष्ण जी विषय पर एक निजी स्कूल में आर्य समाज, महर्षि दयानंद धाम, बाजार हंसली की ओर से करवाए गए कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने कहा कि वह कर्म ना करो जिससे अपनी आत्मा को दुख पहुंचे। इस अवसर पर अरविन्द मेहता, अनिल कपूर, डाक्टर नवीन आर्य, बाल कृष्ण शर्मा, विजय सर्राफ, जुगल महाजन, तरसेम लाल, देव पाल आर्य, इन्द्रपाल आर्य, मनीष खन्ना, अतुल मेहरा, चरणजीत सिंह, प्रिसिपल रजनी शर्मा विशेष तौर पर उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम में फिरोजपुर से आए विजय आनन्द भजनोपदेशक ने विशेष समां बांधते हुए श्री कृष्ण के जीवन पर आधारित भजनों से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।