मिनी बस माफिया के समक्ष सरकार नतमस्तक, एयरपोर्ट रूट पर बीआरटीएस की सेवाएं बंद
अलग-अलग क्षेत्रों में माफिया इतना शक्तिशाली हो चुका है कि हमारी सरकारें और प्रशासन इनके समक्ष घुटने टेक देती है।
जासं, अमृतसर: अलग-अलग क्षेत्रों में माफिया इतना शक्तिशाली हो चुका है कि हमारी सरकारें और प्रशासन इनके समक्ष घुटने टेक देती है। इसका एक ताजा उदाहरण है मिनी बस आप्रेटर माफिया। इस माफिया के आगे एक बार फिर से सरकार ने खुद को बेबस साबित कर दिया है। इस कारण आम लोगों के लिए शुरू की एयरपोर्ट तक बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) को मात्र 15 दिनों के भीतर ही बंद कर दिया गया। आम लोगों को सुविधाजनक बस यात्रा मिल रही थी। मगर मिनी बस आपरेटरों ने धरना लगाया और इस रूट से सारी बसें हटवा दीं। हालांकि चार दिन पहले तक कहा जा रहा था कि बसों को बंद नहीं किया जाएगा, बल्कि इनकी संख्या कम की जा रही है। मगर अब इसे पूरी तरह बंद कर गया दिया है। बीआरटीएस के सीईओ हरप्रीत सिंह गिल ने कहा कि हेडक्वार्टर से आए आदेश के मुताबिक ही ऐसा किया जा रहा है। अगर बसें चलाने के लिए कहा जाएगा तो फिर से चला दी जाएंगी। घी मंडी से एयरपोर्ट तक बनाया गया था 501 नंबर रूट
करीब आठ महीने तक इस पूरे रूट पर रिव्यू करने और कई बार मीटिग करने के बाद घी मंडी से लेकर एयरपोर्ट तक रूट तैयार किया गया। इस रूट को 501 नंबर दिया गया था। 16 अगस्त को हरी झंडी देकर रूट पर कुल आठ बसें चलाई गई थी। बसें चलने के बाद मिनी बस आप्रेटरों ने रोष जाहिर किया और धरना लगाया। इसके बाद कुछ राजनेताओं की दखलअंदाजी के बाद बसों को बंद करवा दिया गया। पूरी तरह एसी और सुरक्षित है बीआरटीएस
जहां एक तरफ मिनी बसों की हालत खस्ताहाल है। वहीं बीआरटीएस पूरी एसी और सुरक्षित थी। इन बसों में सुरक्षा के तहत कैमरे भी लगे हुए थे ताकि कोई वारदात या घटना होने पर तुरंत आरोपित को पकड़ा जा सके। इसके अलावा किराया भी केवल पांच से 15 रुपये तक रखा गया था जबकि मिनी बसों में किराया बीस रुपये है।