पंजाबी भाषा का भविष्य स्वर्णिम : डा. हरिभजन भाटिया

गुरुओं पीरों सूफी बुल्लेशाह व शाह हुसैन द्वारा श्रृंगार की पंजाबी भाषा का भविष्य उज्ज्वल है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 06:30 PM (IST)
पंजाबी भाषा का भविष्य स्वर्णिम : डा. हरिभजन भाटिया
पंजाबी भाषा का भविष्य स्वर्णिम : डा. हरिभजन भाटिया

जासं, अमृतसर : गुरुओं, पीरों, सूफी, बुल्लेशाह व शाह हुसैन द्वारा श्रृंगार की पंजाबी भाषा का भविष्य उज्ज्वल है। यह बात गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के डा. हरिभजन सिंह भाटिया ने डीएवी में आयोजित एक संगोष्ठी में रखीं। संगोष्ठी का आयोजन कालेज के पंजाबी विभाग ने किया था और इसमें 21वीं शताब्दी में पंजाबी भाषा और साहित्य का भविष्य विषय पर चितन किया गया। डा. भाटिया ने पंजाबी भाषा के अस्तित्व के समाप्त होने की बात को सिरे से नकार दिया और कहा कि अमीर विरासत व सभ्याचार वाली भाषा कभी समाप्त नहीं हो सकती है। इससे पूर्व डीएवी कालेज के प्रिसिपल डा. राजेश कुमार ने डा. भाटिया को पंजाबी भाषा का प्रकाश स्तंभ बताते हुए कहा कि इस भाषा के पास इस तरह के महारथी हैं, तो इसके भविष्य पर कोई संदेह नहीं हो सकता है। पूरी दुनिया में अरबी के बाद पंजाबी भाषा ही दूसरे नंबर की सबसे अधिक शब्दावली वाली है। विभागाध्यक्षा डा. परवीन ठाकुर ने कहा कि भले ही हमारे पास पंजाबी भाषा का एक शानदार इतिहास है, हमें यह समझना चाहिए कि भाषा का अस्तित्व तभी संभव है जब नई पीढ़ी, यानी बच्चे, इससे जुड़े रहें।

इस मौके पर प्रो. परमजीत सिंह रंधावा, डा. जीएस सिद्धू, डा. मलकियत सिंह, डा. जीएस सेखों, डा. बीबी यादव, डा. दर्शनदीप, डा. कमलजीत राणा, डा. सुरिदर कुमार, डा. मुनीश गुप्ता, प्रो. मेजर सिंह, प्रो. पूनम कुमारी, प्रो. बेवी शर्मा, डा. हरप्रीत, डा. अरविदर धालीवाल आदि मौजूद थे।

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