दुस्साहस : दस हजार रुपये रिश्वत लेकर एसएमओ के पास पहुंचा कर्मचारी

सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट की पर्चियां काटकर पैसे अपनी जेब में डालने वाले सनी जांच का सामना कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 03:00 AM (IST)
दुस्साहस : दस हजार रुपये रिश्वत लेकर एसएमओ के पास पहुंचा कर्मचारी
दुस्साहस : दस हजार रुपये रिश्वत लेकर एसएमओ के पास पहुंचा कर्मचारी

जागरण संवाददाता, अमृतसर: सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट की पर्चियां काटकर पैसे अपनी जेब में डालने वाले सनी जांच का सामना कर रहा है। अब उसने एक और दुस्साहस किया है। उसने एसएमओ डा. राजू चौहान को दस हजार रुपये आफर की। उसने सिविल अस्पताल के ही एक कर्मचारी को एसएमओ के कमरे में भेजा। कर्मचारी ने डा. राजू चौहान से कहा कि वह मामले को रफा-दफा करके सनी को बख्श दें और उसे दोबारा अस्पताल में काम पर बुला लें। यह कहकर कर्मचारी ने एसएमओ को रिश्वत देने का प्रयास किया। इस पर एसएमओ ने उसे फटकार लगाई। डा. राजू ने कहा कि यहां से चले जाओ, तुम पर और सनी पर एफआइआर दर्ज करवाउंगा। इसके बाद कर्मचारी रुपये का पैकेट लेकर निकल गया।

असल में इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन व सिविल अस्पताल के अप्थेलेमिक आफिसर राकेश शर्मा को पहले ही जानकारी मिल गई थी कि सनी नौकरी पर आने के लिए साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपना रहा है। उसने दस हजार रुपये का पैकेट एसएमओ को देना है, यह जानकारी भी राकेश शर्मा को मिली थी। उन्होंने एसएमओ को इस बारे में पहले ही बता दिया था। डा. राजू चौहान ने कहा कि सनी के केस में मुझे ब्लैकमेल भी किया गया और धमकाया जा रहा है। अब रिश्वत देने का प्रयास किया गया। सनी को किसी सूरत में नौकरी पर रखा नहीं जाएगा। रिश्वत के पैसे लाने वाले कर्मी का पुराने मामले से खास है नाता

एसएमओ को रिश्वत देने के लिए आया कर्मचारी वही है जिसे इसी वर्ष सिविल अस्पताल में कुछ लोगों ने धमकाकर 20 लाख रुपये मांगे थे। असल में रिवाल्वर दिखाकर इन लोगों ने कर्मचारी से कहा था कि वह बीस लाख रुपये हमें दे, वरना अंजाम बुरा होगा। सनी इसी कर्मचारी के कमरे में बैठकर भी काम करता रहा। जाहिर सी बात है कि इन लोगों को पता था कि इस कर्मचारी के पास इतनी राशि तो होगी ही। यह राशि उसके पास कहां से आई, यह जांच का विषय है। यह है मामला

सनी अस्पताल का कर्मचारी नहीं था। उसे पूर्व एसएमओ ने अपने स्तर पर अस्पताल में रखा था। नौ नवंबर को सनी ने डोप टेस्ट करवाने आए एक शख्स से 1500 रुपये सरकारी फीस ली। उसने आफलाइन साफ्टवेयर में एंट्री दर्ज कर पर्ची का प्रिट आउट निकाला और इस एंट्री को डिलीट कर दिया। पूर्व एसएमओ के हस्ताक्षर करवाकर उसने 1500 रुपये अपनी जेब में डाले।

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