साउथ सब डिवीजन का रिकार्ड फांक रहा धूल
पावरकाम के साउथ सब डिवीजन अमृतसर में सरकारी रिकार्ड कई वर्षो से धूल फांक रहा है।
हरदीप रंधावा, अमृतसर : पावरकाम के सब अर्बन सर्किल की ईस्ट डिवीजन में पड़ती साउथ सब डिवीजन के लिए सरकारी इमारत न होने से विभाग के कर्मचारी ही परेशान नहीं रहते हैं, बल्कि विभाग का पुराना सरकारी रिकार्ड भी धूल फांक रहा है। लगभग 25-30 साल पुराना सरकारी रिकार्ड रद्दी की तरह फेंका गया है। अधिकारियों को भी सरकारी रिकार्ड की कोई चिंता नहीं है। एक धूल भरे कमरे में पड़ा रिकार्ड खराब होने की संभावना भी है।
सब डिवीजन के कमरे में धूल फांक रहे सरकारी रिकार्ड के रूप में लेजर बुक, रजिस्टर और उपभोक्ताओं की बिजली कनेक्शन की फाइलें हैं। सिस्टम एप्लीकेशंस एंड प्रोडक्ट इन डाटा प्रोसेसिग (सैप) आने के बाद भले ही विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली को अपडेट करते हुए कंप्यूटर में रिकार्ड फीड करना शुरू कर दिया है, मगर सैप आने से पहले का रिकार्ड जो कंप्यूटराइज नहीं हुआ है उसे संभालने में लापरवाही बरती जा रही है। यदि सरकारी रिकार्ड के साथ कोई छेड़छाड़ होती है, इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। कर्मचारी भी इसका जवाब देने में खुद को असहाय महसूस करते हैं।
सरकारी रिकार्ड के नुकसान का जिम्मेदार कौन
साउथ सब डिविजन का सरकारी रिकार्ड संभालने में लापरवाही बरती जा रही है। इसके लिए जहां कर्मचारी जिम्मेदार हैं, वहीं इंफ्रास्ट्रक्टर की भी कमी है। बिजली घर में धूल में लिपटी फाइलों में पड़ा सरकारी रिकार्ड पावरकाम मैनेजमेंट को मुंह चिढ़ाता है, क्योंकि करीब 25-30 साल पुराना सरकारी रिकार्ड संभालकर रखने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। एक तरफ सवाल उठता है कि यदि रिकार्ड पुराना है और उसकी कोई जरूरत नहीं है, तो उसे कमरे से उठाया क्यों नहीं गया है, क्योंकि बिखरे हुए विभागीय रिकार्ड ने बिजली घर के कमरे में नाजायज तौर पर जगह घेर रखी है। दूसरी तरफ सवाल उठता है कि यदि रिकार्ड नया है, जोकि विभाग के काम आने वाला है, तो उसे धूल फांकने के लिए क्यों छोड़ रखा है। यदि अचानक शार्ट सर्किट हो जाए तो सरकारी रिकार्ड नष्ट होने का जिम्मेदार कौन होगा। इसका जवाब किसी कर्मचारी के पास नहीं है।
सरकारी रिकार्ड बिल्कुल सुरक्षित : एसडीओ पाल
साउथ सब डिवीजन के कार्यकारी सब डिविजनल अधिकारी (एसडीओ) महिंदर पाल के मुताबिक विभाग का सरकारी रिकार्ड बिल्कुल सुरक्षित है। रिकार्ड के रूप में पड़े दस्तावेज उनके ध्यान में हैं। कर्मचारियों से सरकारी रिकार्ड अलमारियों में रखवाया जाएगा।