कंपनी ने कहा, ड्राइवरों को सरकार ने हायर नहीं किया, मांगें नाजायज
अपनी मांगो को लेकर बीआरटीएस कर्मचारी लगातार सात दिनों से हड़ताल पर हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: अपनी मांगो को लेकर बीआरटीएस कर्मचारी लगातार सात दिनों से हड़ताल पर हैं लेकिन इनको हायर करने वाली कंपनी ने साफ कर दिया है कि कर्मचारियों को सरकार ने बल्कि उन्होंने हायर किया है। ऐसे में उनकी मांग नाजायज है। हड़ताल करके केवल लोगों को परेशान किया जा रहा है। कर्मचारियों की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि प्रशासन की ओर से हड़ताल खत्म करवाने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा है। वेतन देने वाली कंपनी स्वर्ण सतनाम ट्रांसपोर्ट कंपनी ने इन सारी बातों को नकार दिया है और कहा कि कर्मचारियों की ओर से पूरी तरह से नियमों के उलट जाकर मांग की जा रही है।
स्वर्ण सतनाम सर्विस ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के मालिक करतार सिंह ने बताया कि उनका पंजाब बस मेट्रो सोसायटी के साथ कांट्रैक्ट है। उनकी कंपनी का काम ड्राइवर हायर करने है। इसी तहत उन्होंने ड्राइवर हायर किए है। जिस समय ड्रावर हायर किए गए थे, तब मिनिमम वेज 11400 रुपये थे। मगर कंपनी ने कर्मचारियों को मिनिमम वेज 12700 रुपये दिया जो उनके नियुक्ति पत्र में भी लिखा हुआ है। बावजूद कर्मचारियों की ओर से नाजायज तौर पर हड़ताल की हुई है, क्योंकि नौ सितंबर 2021 को यूनियन ने एक ज्ञापन दिया था। इसमें छठा पे-कमीशन लागू करने की मांग की गई थी। मगर लेबर विभाग ने इन्हें लताड़ दिया था कि पे कमीशन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है जबकि वह सारे प्राइवेट कंपनी के अधीन काम कर रहे हैं। इसके बाद कर्मचारियों ने 10 नवंबर को फिर से ज्ञापन दिया कि उन्हें पनबस की तरह वेतन दिया जाए। यह ज्ञापन देने के बाद ये लोग 15 नवंबर से हड़ताल पर बैठ गए जबकि नियमों के मुताबिक कम से कम 28 दिन का समय देना होता है। ऐसे में कर्मचारी कभी खुद को सरकारी कर्मचारी बताने लगते हैं तो कभी छठे पे-कमिश्न की मांग करने लगते है। ऐसे में सरकार के जो नियम हैं, उसके मुताबिक वह वेतन देने को तैयार है। मगर कर्मचारी पूरी तरह से नाजायज हड़ताल करके आम लोगों को परेशान कर रहे हैं।