सिविल अस्पताल की पार्किग के ठेकेदार और बाडी बिल्डर कारिदों की दबंगई, जानें क्या है पूरा मामला

जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में इन दिनों पार्किग ठेकेदार के बाडी बिल्डर कारिंदों का टेरर फैला हुए है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:00 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:00 AM (IST)
सिविल अस्पताल की पार्किग के ठेकेदार और बाडी बिल्डर कारिदों की दबंगई, जानें क्या है पूरा मामला
सिविल अस्पताल की पार्किग के ठेकेदार और बाडी बिल्डर कारिदों की दबंगई, जानें क्या है पूरा मामला

नितिन धीमान, अमृतसर: जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में इन दिनों बाडी बिल्डरों का 'टेरर' है। वाहन पार्किग स्थल पर तैनात इन बाडी बिल्डरों से न केवल अस्पताल आने वाले लोग खौफजदा हैं, बल्कि अस्पताल प्रशासन भी परेशान है। बेवजह लोगों से उलझना इनकी आदत सी बन गई है। इन्होंने अस्पताल परिसर के चप्पे-चप्पे को पार्किग में तबदील कर दिया है।

दरअसल, सिविल अस्पताल की पार्किग के ठेकेदार ने बाडी बिल्डर कारिदों को तैनात किया है। लंबी-चौड़ी कद काठी के ये कारिदे निर्धारित पार्किग स्थल की बजाय अस्पताल में कहीं भी वाहन खड़े करवाते हैं। जहां एसएमओ की गाड़ी खड़ी होनी हो, वे वहां भी वाहन लगवा देते हैं। अस्पताल के प्रवेश द्वार से निकासी द्वार तक वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। हाल ही में डिप्टी मेडिकल कमिश्नर ने अपनी पार्किग वाली जगह पर किसी और की गाड़ी खड़ी देखी तो कारिदे को बुलाया और गाड़ी हटवाने को कहा, कारिदे ने रौब में कहा, यह हमारा काम नहीं। कमिश्नर ने उससे कहा कि आपको पता है कि यहां उनकी गाड़ी खड़ी होती है तो किसी और की गाड़ी यहां क्यों पार्क करने दी। इस पर कारिदे ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। डा. गुरमीत कौर ने मामले की जानकारी एसएमओ डा. चंद्रमोहन को दी। उन्होंने कारिदों से पूछा तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला। वहीं सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह का कहना है कि अस्पताल में किसी की गुंडागर्दी सहन नहीं होगी। वह मामले की जांच करवाएंगे। पांच महीने का किराया नहीं दिया, अस्पताल प्रशासन ने एमडी को लिखा पत्र

ठेकेदार ने अस्पताल प्रशासन को पार्किग का पांच माह का किराया 87 हजार रुपये जमा नहीं करवाया। अस्पताल प्रशासन ने पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के एमडी को पत्र लिखा है। एमडी ने भी कहा है कि कोरोना काल में अस्पतालों में मरीज आ रहे हैं। कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाएं जारी हैं तो फिर किराया क्यों नहीं दिया? बहरहाल अस्पताल प्रशासन ने पार्किग का ठेका रद करने की एमडी से मांग की है।

बाइक पार्किग का तय रेट दस और ठेकेदार वसूल रहा बीस रुपये

सिविल अस्पताल में ओपीडी स्लिप के लिए दस रुपये फीस है। पिछले साल जब ठेकेदार को पार्किग अलाट की गई थी तब बाइक के लिए पार्किग का रेट 10 रुपये तय था। मगर यह ठेकेदार 20 रुपये लोगों से वसूल रहा है। जब लोग इसका विरोध करते हैं तो कारिदे उनसे बदसुलूकी करते हैं। कई बार तो झगड़े तक की नौबत आ जाती है। 10.45 लाख रुपये में लिया था ठेका

सिविल अस्पताल की पार्किग का ठेका दस लाख 45 हजार में गया था। यह ठेका एक साल के लिए मान्य होता है। हां, यदि ठेकेदार दस फीसद अधिक राशि जमा करवा दे तो इसे अगले साल भी रिन्यू किया जाता है। ठेकेदार ने इस बार 25 फीसद राशि देने की बात कही, पर पांच माह का किराया नहीं जमा करवाया। रिहायशी दीवार के साथ शेड बना दी, लोग परेशान

पार्किग स्टैंड के पीछे सिविल अस्पताल की दीवार के साथ रिहायश है। ठेकेदार ने रिहायशी दीवार के साथ शेड बना दिया है। इस कारण एक मकान की दोनों खिड़कियां ढक गई हैं। इसके अलावा मकान की तीसरी खिड़की के पास ठेकेदार के पहलवान कारिदे लघु शंका करते हैं। इस बात का मकान मालिक कई बार विरोध कर चुका है, पर वे कारिदे नहीं माने। पार्किग स्थल को बनाया आटो रिपेयर का अड्डा

मनमानी की हद यह है कि कारिदों ने पार्किग स्थल पर आटो रिपेयर शुरू कर दी है। यहां पुराने आटो का इंजन रिपेयर किया जाता है और फिर इसे पूरी रात स्टार्ट कर रखा जाता है। इससे आसपास के लोग परेशान हैं। अस्पताल के एसएमओ डा. चंद्रमोहन सहित समस्त स्टाफ कारिदों की गुंडागर्दी से परेशान हैं। डा. चंद्रमोहन के अनुसार हमने कई बार चेतावनी दी। नोटिस जारी किए, पर ये कारिदे दबंगई दिखाते हैं। किराया न देने की सूरत में मैंने नोटिस तैयार करवाए कि सिविल अस्पताल में पार्किग फ्री है, इस पर चार पांच पहलवान कारिदे मेरे कार्यालय में घुस आए और ऊंची आवाज में बोले कि भुगतान मिल जाएगा।

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