जीएनडीयू ने बदला परीक्षा का सिस्टम, अब आनलाइन व आफलाइन में एक आप्शन चुनें

गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने भविष्य में आनलाइन आब्जेक्टिव परीक्षा सिस्टम शुरू करने का फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:00 AM (IST)
जीएनडीयू ने बदला परीक्षा का सिस्टम, अब आनलाइन व आफलाइन में एक आप्शन चुनें
जीएनडीयू ने बदला परीक्षा का सिस्टम, अब आनलाइन व आफलाइन में एक आप्शन चुनें

जागरण संवाददाता, अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने भविष्य में आनलाइन आब्जेक्टिव परीक्षा सिस्टम शुरू करने का फैसला लिया है। हालांकि विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं के लिए आनआइन व आफलाइन परीक्षा में से कोई एक विकल्प चुनने का अधिकार विद्यार्थी को भी दिया है। परंतु जीएनडीयू के इस फैसले से जीएनडीयू टीचर्स एसोसिएशन और विद्यार्थी संगठन सहमत नहीं हैं। विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक कार्यालय की ओर से जारी नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर विद्यार्थी की फाइनल परीक्षा के अंकों में भारी अंतर कम या अधिक आ जाता है तो इसके लिए विश्वविद्यालय पिछले वर्षों की परीक्षाओं के अंको का माडरेट करके कुल अंक निकालेगी। आनलाइन आब्जेक्टिव परीक्षा एक एजेंसी से आयोजित करवाई जाएगी। इसके लिए विद्यार्थियेां को कोई अलग फीस नहीं देने पड़ेगी। डीन कार्यालय में इस संबंधी हाल में ही एक पत्र सभी विभागों के मुखियों को भेजा है। इसको लेकर विश्वविद्यालय कैंपस में जीएनडीयू प्रबंधकों के खिलाफ रोष पैदा हो गया है। जीएनडीयू टीचर्स एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर पदाधिकारियों और सदस्यों की आनलाइन बैठक आयोजित की है। इसमें विश्वविद्यालय के इस फैसले के खिलाफ अध्यापकों में काफी रोष है। टीचर्स बोले, इस सिस्टम से विद्यार्थियों का ग्रेड प्रभावित होगा

जीएनडीयू टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. लखविदर सिंह और महासचिव डा. एनपीएस सैनी ने कहा कि यह फैसला परीक्षा के परंपरागत नियमों के खिलाफ है। इस सिस्टम से योग्य विद्यार्थियों का ग्रेड प्रभावित होगा। विद्यार्थी पहले लम्बे उत्तरों वाले प्रश्न पत्र सिस्टम के अनुसार तैयारी करते रहे हैं। अब सेंमेस्टर की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इसमें विद्यार्थियों को दोबारा अलग से आब्जेक्टिव के लिए तैयारी करनी मुश्किल होगी। मल्टीपल च्वाइस प्रश्न सिस्टम पहले भी लागू हुआ था जिसमें विद्यार्थियों की हानि ही हुई थी। उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में इस नियम को लागू करना कोविड काल के दौरान अति मुश्किल होगा। विद्यार्थी संगठन ने कहा, यह सिस्टम मंजूर नहीं

विद्यार्थी संगठन नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन के सचिव राजबीर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने परीक्षा सिस्टम में बदलाव करने के संबंध में विद्यार्थियों और उनके संगठनों को भरोसे में नहीं लिया है जबकि पढ़ाई पहले वाले सिस्टम के अनुसार ही चल रही है। यह सिस्टम विद्यार्थियों को अभी स्वीकार नहीं है। अखिल भारत हिन्दू विद्यार्थी सभा के जिला अध्यक्ष विकास बेरी ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों को परीक्षा सिस्टम बदलने संबंधी जानकारी समेस्टर के शुरू में ही देनी चाहिए थी। विद्यार्थी पहले पुराने मोड में स्टडी करते रहे है। इस लिए परीक्षाएं पुराने मोड में ही होनी चाहिए।

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