बुधवार को सातवें दिन में प्रवेश होगा अध्यापकों का धरना
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) सहित शहर के करीब 11 कालेजों के लगभग ग्यारह हजार अध्यापक का हड़ताल पर चल रहे हैं।
जासं, अमृतसर: गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) सहित शहर के करीब 11 कालेजों के लगभग ग्यारह हजार अध्यापक का हड़ताल पर चल रहे हैं। अध्यापकों की हड़ताल होने की वजह से जीएनडीयू के साथ-साथ शहर के कालेजों में 20 से लेकर 25 हजार के करीब विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। भले ही 70 से लेकर 80 फीसद सिलेबस खत्म हो चुका है और टर्म एग्जामिनेशन का काम भी रुका हुआ है।सातवां वेतन आयोग लागू करवाने के मकसद से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जिले के अध्यापकों ने कामकाज ठप रखने से जीएनडीयू के साथ-साथ कालेजों के क्लास रूमों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। हड़ताल के साथ-साथ भूख हड़ताल पर बैठे अध्यापकों का कहना है कि वे अपनी लागू करवाने के बाद ही संघर्ष को विराम लगाएंगे।वहीं दूसरी तरफ जीएनडीयू प्रबंधन के साथ-साथ विभिन्न कालेज प्रबंधनों का कहना है कि देश का भविष्य कहलाने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई को सुचारू ढंग से चलाने के मकसद से सरकार को अध्यापकों की मांग पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, ताकि कोविड-19 की महामारी की वजह से प्रभावित हुए पढ़ाई के स्तर को दोबारा उठाया जा सके। पंजाब फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी एंड कालेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन (पीएफयूसीटीओ) और पंजाब एंड चंडीगढ़ कालेज टीचर्स यूनियन (पीसीसीटीयू) के आह्वान पर 30 नवंबर को शुरु हुआ संघर्ष बुधवार को सातवें दिन में प्रवेश हो जाएगा।जीएनडीयू के एरिया सचिव डा. बीबी यादव का कहना है कि सरकार अड़ियल रवैया अपनाकर छात्रों के नुकसान ही कर रही है, यदि सरकार सातवां वेतन आयोग लागू कर दे, तो अध्यापक तुरंत काम पर वापिस आ जाएंगे।जिला प्रधान डा. गुरदास सिंह सेखों आज राज्य भर में शिक्षा केंद्र बंद है, जिसके लिए पूरी तरह से चन्नी सरकार के साथ-साथ शिक्षा मंत्री परगट सिंह ही जिम्मेदार हैं।