जिस रिसर्च का फायदा नहीं, वह व्यर्थ : डा.भारद्वाज

गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर रिसर्च और बोटेनिकल एंड एन्वायरमेंटल साइंस विभाग के प्रोफेसर डा. रेणू भारद्वाज ने कहा कि मौजूदा समय में रिसर्च के महत्व को समझना बहुत जरूरी है। अध्यापक अपनी रिसर्च को सामाजिकता के साथ जोड़ कर काम करें। ताकि समाज व विज्ञान की तरक्की में अहम रोल अदा किया जा सके।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:45 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:45 PM (IST)
जिस रिसर्च का फायदा नहीं, वह व्यर्थ : डा.भारद्वाज
जिस रिसर्च का फायदा नहीं, वह व्यर्थ : डा.भारद्वाज

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर रिसर्च और बोटेनिकल एंड एन्वायरमेंटल साइंस विभाग के प्रोफेसर डा. रेणू भारद्वाज ने कहा कि मौजूदा समय में रिसर्च के महत्व को समझना बहुत जरूरी है। अध्यापक अपनी रिसर्च को सामाजिकता के साथ जोड़ कर काम करें। ताकि समाज व विज्ञान की तरक्की में अहम रोल अदा किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिस रिसर्च का कोई फायदा नहीं, उसका कोई अर्थ भी नहीं होता है। डा. भारद्वाज ने यह बात वीरवार को जीएनडीयू के स्कूल आफ एजुकेशन की ओर से करवाए गए तीन दिन की वर्कशाप के समापन समारोह के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि रिसर्च मूल्यांकन के साथ जु़ड़ी हुई विद्या होती है। इसे अलग-अलग विषयों को छू कर रिज्लट देने होते है। वहीं हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर लोकेश कौल ने रिसर्च संबंधी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सामाजिक विज्ञान में की गई रिसर्च को आधार बनाकर विद्यार्थी अच्छे रिज्लट हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रिसर्च की कई तरह की किस्में व पड़ाव होते है। इसमें नमूनो की संख्या, आंकड़ों की किस्में, कुआंटेटिव टेस्ट का चुनाव और वैज्ञानिक मूल्य के निर्धारण के लिए रिजल्ट की रूप रेखा को तैयार करना। वहीं प्रोजेक्ट कोआर्डीनेटर डा. अमित कोत्स ने वर्कशाप के तीन दिन की रिपोर्ट पेश की। इसके अलावा शिक्षा विभाग की हेड डा. दीपा सिकंद कोत्स ने कहा कि रिसर्च प्रणाली और रिसर्च तकनीक के साथ इसे आसान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में रिसर्च से होने वाले फायदे का बहुत महत्व है।

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