निगम कमिश्नर की चेतावनी, प्रापर्टी टैक्स का चेक डिसऑनर हुआ तो सुपरिटेंडेंट्स का कटेगा वेतन

नगर निगम कमिश्नर कोमल मित्तल ने प्रापर्टी टैक्स कलेक्शन में फिसड्डी रहने पर सुपरिंटेंडेंटों को जमकर फटकार लगाई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:00 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:00 AM (IST)
निगम कमिश्नर की चेतावनी, प्रापर्टी टैक्स का चेक डिसऑनर हुआ तो सुपरिटेंडेंट्स का कटेगा वेतन
निगम कमिश्नर की चेतावनी, प्रापर्टी टैक्स का चेक डिसऑनर हुआ तो सुपरिटेंडेंट्स का कटेगा वेतन

जासं, अमृतसर: नगर निगम कमिश्नर कोमल मित्तल ने प्रापर्टी टैक्स कलेक्शन में फिसड्डी रहने पर सुपरिंटेंडेंटों को जमकर फटकार लगाई। कमिश्नर ने मंगलवार को विभागीय सुपरिंटेंडेंटों के साथ बैठक की और साफ कर दिया कि अगर टैक्स का चेक डिसआर्नर हुआ तो वह अधिकारियों के वेतन से कटेगा। दरअसल, साल 2021-22 में प्रापर्टी टैक्स का लक्ष्य 45 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन एक अप्रैल से अब तक मात्र 1.51 करोड़ रुपये ही टैक्स कलेक्शन हो सकी है।

बैठक में कमिश्नर मित्तल ने जोन अनुसार सुपरिटेंडेंटों से टैक्स का ब्योरा लिया। पिछले अढाई माह में बहुत कम टैक्स आने पर फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि सुपरिंटेंडेंट टैक्स कलेक्शन को लेकर खुद भी गंभीरता दिखाएं और यह दिखनी चाहिए। अभी तक जो टैक्स आया है, वह भी लोगों ने खुद जमा करवाया है। इसमें अधिकारियों का कुछ खास योगदान नहीं है। सबसे अधिक आमदनी वाले नार्थ जोन के सुपरिंटेंडेंटो की कमिश्नर ने जमकर खिचाई की। निगम कमिश्नर ने प्रापर्टी टैक्स की एवज में आए और बाद में डिसऑनर हुए चेकों का 30 जून तक हर हालत में भुगतान लाने के आदेश दिए और कहा अगर डिसऑनर चेकों का भुगतान न आया तो संबंधित सुपरिंटेंडेंट के वेतन से राशि काटी जाएगी। इस अवसर पर एडिशनल कमिश्नर सुदीप रिशी, सैक्रेटरी सुशांत भाटिया भी मौजूद थे। जोन वाइज दिए लक्ष्य

निगम कमिश्नर ने बहुत कम टैक्स आने पर अब जोन वाइज प्रत्येक तीन महीने की आमदनी के लक्ष्य निर्धारित किए। प्रापर्टी टैक्स का 45 करोड़ रुपये निर्धारित बजट के अनुसार इस वित्त वर्ष में नार्थ जोन 24 करोड़ रुपये, सेंट्रल जोन 5 करोड़ रुपये, ईस्ट जोन 6 करोड़ रुपये, वेस्ट जोन 8 करोड़ रुपये तथा साउथ जोन 2 करोड़ रुपये टैक्स एकत्रित करेगा। डिफाल्टरों को स्क्रूटनी के जाएंगे बिल व नोटिस

निगम कमिश्नर कोमल मित्तल ने डिफाल्टरों को भी सीलिग के नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नोटिस के बावजूद भी टैक्स न आए तो डिफाल्टरों की जायदाद को सील किया जाए। सुपरिटेंडेंट द्वारा शहर में भारी संख्या में कामर्शियल बिल्डिंगों को स्क्रूटनी के नोटिस दिए गए थे। स्क्रूटनी के उपरांत किसी भी पार्टी को कम टैक्स भरने का बिल व नोटिस नहीं भेजा गया। एडिशनल कमिश्नर द्वारा बार-बार स्क्रूटनी की सूचना मांगने पर सुपरिंटेंडेंटों द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई। अब एडिशनल कमिश्नर को 60 डिफाल्टरों की सूची उपलब्ध करवाई गई है। इसका भी कड़ा संज्ञान लेते हुए निगम कमिश्नर स्क्रूटनी के माध्यम से जांच के उपरांत कम टैक्स भरने वालों की समूह सूचियां एडिशनल कमिश्नर संदीप रिशी को सौंपी जाए, ताकि संबंधित पार्टियों की सुनवाई के उपरांत उनको बकाया टैक्स भरने के लिए नोटिस जारी किए जाएं। सेक्रेटरी सुशांत भाटिया द्वारा जिन बिल्डिंगों की स्क्रूटनी जा चुकी है, उनको भी बिल भेजे जाए।

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