प्रापर्टी टैक्स में कमी पाई गई तो सुपरिंटेंडेंट होंगे जिम्मेदार
नगर निगम कमिश्नर मलविदर सिंह जग्गी ने प्रापर्टी टैक्स को लेकर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: नगर निगम कमिश्नर मलविदर सिंह जग्गी ने प्रापर्टी टैक्स को लेकर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अधिकारियों की जवाबदेही फिक्स करते हुए उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अगर टैक्स में कमी रही है तो इसके लिए सीधे तौर एरिया सुपरिंटेंडेंट जिम्मेदार होगा। इतना ही नहीं कमिश्नर ने बनाए गए शेडयूल का ओवरआल इंचार्ज एडिशनल कमिश्नर संदीप रिषी को लगाया है।
कमिश्नर ने कहा कि प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी में तेजी लाने के लिए पहले चरण में दस अगस्त तक शहर के उन तमाम प्रमुख संस्थानों को सेल्फ असेसमेंट न भरे जाने के कारण या सेल्फ असेसमेंट के अनुसार अदायगी न किए जाने के कारण नोटिस जारी किए जाएं। इसकी बकायदा उन्होंने कैटेगरी दी है कि इसमें पड़ने वाले सभी संस्थानों को चेक किया जाए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों को पहले नोटिस जारी किए जा चुके हैं, उनको रिमाइंडर लेटर जारी किए जाएं। दस अगस्त तक यह यकीनी बनाएं कि सभी संस्थानों को सौ फीसद नोटिस जारी करते हुए इन्हें कवर कर लिया जाए। दस अगस्त के बाद तथा नोटिस की अवधि के बाद जिस संस्थान की ओर से सेल्फ असेसमेंट करके प्रापर्टी टैक्स की अदायगी नहीं की जाती है, उनके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए। यह संस्थान रहेंगे टारगेट पर
कमिश्नर द्वारा प्रथम चरण में सभी औद्योगिक संस्थान, बैंक, कारपोरेट कार्यालय, मल्टीनेशनल कंपनियों के कार्यालय, शोरूम, अस्पताल व नर्सिग होम जिन पर प्रापर्टी टैक्स लागू है, होटल व गेस्ट हाउस, नामचीन स्टोर, शिक्षण संस्थान जिन पर प्रापर्टी टैक्स लागू हो, मैरिज पैलेस, आटो डीलरों के शोरूम, कंपनियों के मोबाइल टावर व शापिग माल व अर्द्धसरकारी कार्यालय, बोर्ड, कारपोरेशन की प्रापर्टी को फोकस करने को कहा है। जो संस्थान इस सूची के अलावा हैं, उनको दूसरे चरण में दस अगस्त के बाद एक महीने के भीतर कवर करने के निर्देश दिए हैं। डिसआर्नर चेकों के मामलों में 30 जुलाई तक करनी होगी कार्रवाई
जिन केसों में पहले प्राप्त प्रापर्टी टेक्स चेक डिसआर्नर हो गए हैं, उन सभी केसों में 30 जुलाई तक निपटाने के निर्देश भी कमिश्नर ने दिए हैं। इनकी रिकवरी करके रिपोर्ट देने को कहा है, ताकि कानून के अनुसार कार्रवाई हो सके। बता दें कि सीएफसी रिकार्ड अनुसार 22 जून 2018 से 31 मार्च 2021 तक विभिन्न सुपरिंटेंडेंट की तरफ से जमा करवाए 162 चेक डिसआनर हुए हैं। ये पेंडिंग चले आ रहे हैं। इनमें सुपरिंटेंडेट दविदर सिंह बब्बर के 711910 राशि के 37 चेक, सुपरिंटेंडेट धर्मेद्रजीत सिंह के 312977 राशि के 42 चेक, जसविदर सिंह के 214190 राशि के 25, लवलीन शर्मा के 173196 राशि के 16, प्रदीप राजपूत के 123072 राशि के 9 चेक, पुष्पिदर सिंह के 25609 राशि के 5 चेक, सतपाल के 354885 राशि के 22 चेक, सुनील भाटिया के 29874 राशि के 6 चेक शामिल हैं।