ऐसी हठ ठीक नहीं: कर्मियों की हड़ताल से सेहत सेवाएं ठप, सिविल अस्पताल में भर्ती 95 मरीजों की जबरन की छुट्टी

जिले के दो प्रमुख सिविल अस्पताल व गुरु नानक देव अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ रेडियोग्राफर डाटा एंट्री आपरेटर दर्जा चार कर्मचारी व जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल कर स्वास्थ्य सेवाओं की गति धीमी कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:30 AM (IST)
ऐसी हठ ठीक नहीं: कर्मियों की हड़ताल से सेहत सेवाएं ठप, सिविल अस्पताल में भर्ती 95 मरीजों की जबरन की छुट्टी
ऐसी हठ ठीक नहीं: कर्मियों की हड़ताल से सेहत सेवाएं ठप, सिविल अस्पताल में भर्ती 95 मरीजों की जबरन की छुट्टी

जासं, अमृतसर: स्वास्थ्य सेवाओं पर कर्मचारियों की हड़ताल भारी पड़ गई है। जिले के दो प्रमुख सिविल अस्पताल व गुरु नानक देव अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ, रेडियोग्राफर, डाटा एंट्री आपरेटर, दर्जा चार कर्मचारी व जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल कर स्वास्थ्य सेवाओं की गति ठप कर कर दी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित सिविल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ ने हड़ताल तो की, पर वार्डो में उपचाराधीन मरीजों को जबरन घर भेज दिया। बीते सोमवार तक सिविल अस्पताल में 140 मरीज उपचाराधीन थे, जबकि मंगलवार को महज 45 रह गए। बाकी को घर भेज दिया गया। यहां तक कि दो महिलाएं ऐसी भी थीं जिनकी डिलीवरी के बाद टांके खोले जाने थे, इन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाया गया। मरीज व उनके स्वजन अपना सामान समेटते हुए दिखाई दिए। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने साफ किया कि ये महिलाएं किसी भी वक्त आकर टांके खुलवा सकती हैं। नर्सिंग सिस्टर ने साफ किया कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं लागू करती, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।

दरअसल, पंजाब में हो रही राजनीतिक घोषणाओं के दौर में सरकारी कर्मचारी इस गफलत में हैं कि चुनाव से पहले हड़ताल करके वे अपनी मांगें लागू करवा लेंगे। आशा वर्करों, एएनएम सहित अब जिले के दोनों सरकारी अस्पतालों के कर्मचारी हड़ताल कर सेहत जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र की सेवाओं पर रोड़ा अटका रहे हैं। सिविल अस्पताल में इलेक्टिव सर्जरी बंद

सिविल अस्पताल में इलेक्टिव सर्जरी बंद कर दी गई है। चूंकि स्थायी रूप से कार्यरत 100 नर्सिग सिस्टर आपरेशन थिएटर में डाक्टर को असिस्ट करती हैं और वे हड़ताल पर चली गई हैं। इलेक्टिव सर्जरी का अर्थ यह है कि पित्ते का आपरेशन, हड्डी रोगों का आपरेशन, किसी तरह की गिल्टी व ट्यूमर निकाला जाना आदि है। सिविल में प्रतिदिन तीन से चार इलेक्टिव सर्जरी होती हैं। अब मरीजों को कुछ दिन बाद आने को कहा गया है। डाक्टर व फार्मेसी स्टूडेंट्स करेंगे मरीजों की तीमारदारी

सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. चंद्रमोहन ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में नर्सिग स्टाफ की बजाय अब डाक्टर व फार्मेसी स्टूडेंट्स को तैनात किया गया है। सीनियर डाक्टर ही रोटेशन वाइज वार्डो में विजिट कर उपचाराधीन मरीजों की जांच करेंगे। मरीजों को घर भेजने की बात पर उनका तर्क था कि ये मरीज खुद भी घर जाना चाहते थे। अब यह सवाल उठता है कि अगर वे जाना छाहते थे तो इनमें से ऐसे मरीजों की कुछेक संख्या होनी चाहिए, एक ही दिन में 95 मरीजों को घर भेजकर साफ लग रहा है कि अस्पताल प्रबंधन ने सेहत सेवाएं ठप होने और बाकी स्टाफ पर बोझ बढ़ने के कारण ही ऐसा किया है। कर्मचारी की अनदेखी न करे सरकार : राकेश शमा

मुलाजिम वेलफेयर एसोसिएशन स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन व सिविल अस्पताल में कार्यरत आप्थेलेमिक आफिसर राकेश शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा 36 हजार कर्मचारियों को स्थायी करने की बात कही गई है। हम इसका स्वागत करते हैं। इसके साथ ही पंजाब सरकार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर, दर्जा चार, सफाई सेवक, आउटसोर्स व एनएचएम के तहत कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी करे। नियमित नर्सिंग स्टाफ की कर्मचारी नेता जसबीर कौर ने कहा कि पे कमीशन 4600 रुपये था। इसे कम करके 2900 कर दिया है। न ही हमें नर्सिंग आफिसर का दर्जा दिया गया। उपमुख्मंत्री आवास के बाहर गरजीं एएनएम

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एएनएम ने उपमुख्यमंत्री ओमप्रकाश सोनी के आवास के बाहर धरना लगाया। प्रदेश भर से यहां पहुंचीं इन कर्मचारियों ने भी नियमित नौकरी की मांग की। एएनएम द्वारा पिछले पंद्रह दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। कर्मचारी नेता करुणा ने कहा कि कोरोना काल में हमें कोरोना योद्धा की संज्ञा तो दी गई, पर हमारा हक नहीं मिला। सात हजार वेतन से कैसे भरें पेट

आउटसोर्सिंग के तहत रखे दर्जा चार कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर के बाहर धरना लगाया। कर्मचारी शम्मी ने कहा कि उन्हें सात हजार रुपये वेतन मिलता है। आठ घंटे काम करते हैं। महंगाई में रोटी नहीं चलती। सरकार हमारी पुकार सुने।

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