सख्ती का असर, दस असलहाधारक फीस देकर बिना डोप टेस्ट करवाए लौटे

सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट करवाने आए 55 में से दस असलहा धारक बिना सैंपल दिए ही चले गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:30 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:30 AM (IST)
सख्ती का असर, दस असलहाधारक फीस देकर बिना डोप टेस्ट करवाए लौटे
सख्ती का असर, दस असलहाधारक फीस देकर बिना डोप टेस्ट करवाए लौटे

जासं, अमृतसर: सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट करवाने आए 55 में से दस असलहा धारक बिना सैंपल दिए ही चले गए। इन लोगों ने बाकायदा 1500 रुपये सरकारी फीस भी जमा करवाई थी।

असलहाधारकों के लिए पंजाब सरकार ने डोप टेस्ट अनिवार्य किया है। सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट का काम पारदर्शिता से हो रहा है, पर कुछ असलहाधारक जो नशा सेवन के आदी हैं, वे प्रयास करते हैं कि उनकी रिपोर्ट पाजिटिव न आए। सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. राजू चौहान ने बताया कि मंगलवार को कुल 55 लोग डोप टेस्ट करवाने आए थे। हमारी इन सभी पर नजर थी। 55 में से 45 लोगों ने डोप टेस्ट करवाया। इनमें से दो पाजिटिव पाए गए। वहीं दस लोग बिना टेस्ट करवाए ही चले गए। ये वो लोग थे जो किसी न किसी रूप में नशा सेवन करते थे। यह संभावित है कि ये सभी अपने घरों से किसी का यूरिन सैंपल साथ लाए होंगे। हमने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि डोप टेस्ट के लिए यूरिन देने वाले के साथ अस्पताल का एक कर्मचारी भी बाथरूम में जाता है। इस दौरान असलहा धारक सिर्फ यूरिन सैंपल ही कंटेनर में डाल सकता है। पानी या अन्य कोई द्रव्य नहीं। यही वजह रही कि ये लोग वहां से निकल गए।

डा. राजू के अनुसार डोप के नाम पर कुछ लोग अस्पताल के बाहर खड़े होकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। यह एक संगठित गिरोह है, जो कंप्यूटर से जाली रिपोर्ट प्रिट कर असलहाधारकों को दे रहे हैं। हम इन्हें जल्द ही बेनकाब करेंगे। यह भी तय है कि अस्पताल के किसी कर्मचारी की भी इसमें मिलीभगत हो सकती है। डोप टेस्ट की प्रक्रिया में सख्ती की गई है। आज सारा दिन वह इस प्रक्रिया की निगरानी करते रहे हैं।

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