संक्रमितों के अधिक आने के साथ स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़ी
कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है। इसके बीच एक राहत भरी खबर यह भी है कि अब जिले में जितने संक्रमित मामले आ रहे हैं उससे अधिक मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं।
नितिन धीमान, अमृतसर
कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है। इसके बीच एक राहत भरी खबर यह भी है कि अब जिले में जितने संक्रमित मामले आ रहे हैं, उससे अधिक मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं। यानि रिकवरी रेट बढ़ गया है। इससे एक्टिव केसों में कमी आ रही है। जिले में प्रतिदिन औसतन 300 संक्रमित रिपोर्ट हो रहे हैं तो स्वस्थ होने वालों की संख्या भी तकरीबन इतनी ही है। यही वजह है कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमित एक्टिव केसों का आंकड़ा 3300 के आसपास ही रहा। किसी दिन तो संक्रमितों से ज्यादा स्वस्थ होने वालों की दर है।
दरअसल, तीन से नौ अप्रैल तक जिले में 1955 संक्रमित रिपोर्ट हुए। इन्हीं सात दिनों में 2079 मरीज स्वस्थ हुए। यह इस बात का भी प्रमाण है कि अंबरसरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है। कोरोना संक्रमण से हुई मृत्यु की बात करें तो मृतकों में 90 फीसद वे लोग हैं जो क्रोनिक डिजीज यानी किडनी, हार्ट, शुगर, हाइपरटेंशन इत्यादि गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित रहे। कोरोना का प्रसार लोगों की लापरवाही से ही हुआ है, पर संक्रमित होने के आठ से दस दिनों में स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा भी 70 फीसद पहुंचा है। इसके अतिरिक्त टीकाकरण की प्रक्रिया भी रफ्तार पकड़ चुकी है। जिले में प्रतिदिन सात हजार से अधिक लोग टीकाकरण करवा रहे हैं। अब तब डेढ़ लाख से अधिक लोग टीका लगवा चुके हैं। यदि लोग कोरोना संबंधी नियमों का पूरी तरह पालन करें तो निश्चित ही कोरोना से जंग जीत जाएंगे। 154 संक्रमित आइसीयू में, नौ वेंटिलेटर पर
जिले के 32 सरकारी एवं निजी अस्पतालों में इस समय 364 कोरोना संक्रमित मरीज उपचाराधीन हैं। इनमें ज्यादातर क्रोनिक डिजीज का भी शिकार हैं। माइल्ड केस 68 हैं, माड्रेट 131, आइसीयू में 154 व वेंटिलेटर पर नौ मरीज उपचाराधीन हैं। सर्वाधिक मरीज गुरु नानक देव अस्पताल में 129 हैं। इनमें 24 माइल्ड केस हैं, जबकि 19 माड्रेट। आइसीयू में 82 व वेंटिलेटर पर चार मरीज उपचाराधीन हैं। स्टाफ की लापरवाही से सिविल अस्पताल में रुकी रही टीकाकरण की प्रक्रिया
जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में दोपहर बारह बजे टीकाकरण की प्रक्रिया पर विराम लगाना पड़ा। दूसरी मंजिल पर स्थित वैक्सीन सेंटर में अचानक कोविशील्ड वैक्सीन का स्टाक खत्म हो गया। ऐसे में बाहर खड़े लोग शोर मचाने लगे। इसके बाद वैक्सीन सेंटर के कर्मचारी को अस्पताल की बेसमेट में बनी डिस्पेंसरी में भेजा गया, जो तकरीबन आधे घंटे बाद वैक्सीन लेकर आया। इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने स्टाफ को फटकार लगाई कि वैक्सीन खत्म होने वाली थी तो पहले ही क्यों नहीं मंगवा ली गई।