एसजीपीसी की सिख मिशनरी कांफ्रेंस पंथक नहीं: प्रो सरचांद
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से 26 अक्टूबर को आयोजित की जा रही सिख मिशनरी कांफ्रेंस को दमदमी टकसाल ने गैरपंथक एलान कर दिया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से 26 अक्टूबर को आयोजित की जा रही सिख मिशनरी कांफ्रेंस को दमदमी टकसाल ने गैरपंथक एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि पंथ के अंदर विवाद पैदा करने वाले मिशनरियों की कांफ्रेंस आयोजित करके एसजीपीसी सिख पंथ मे नई ग्रुपबाजी को जन्म देने जा रही है। वहीं पंथक संस्थान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सिर्फ मिशनरियों की संस्था में बदलने की कोशिश की जा रही है। इसके खिलाफ सिख पंथ को एकजुट होना होगा।
दमदमी टकसाल के प्रवक्ता प्रो. सरचांद सिंह ने कहा कि मिशनरियों का सिख संघर्ष में कोई भी योगदान आज तक एतिहासिक रूप में नहीं रहा है। उलटा मिशनरियों की ओर से हमेशा ही सिख कौम के अंदर नए-नए विवाद पैदा करके सिखों की शक्ति को कमजोर किया है। सिखों के अंदर जत्थेबंदक व आध्यात्मिक तौर पर भी मिशनरियों ने नए नए विवाद खड़े किए हैं। एसजीपीसी की ओर से मिख मिशनरी संस्थानों पर हर वर्ष लाखों रुपये दान दिया जाता है। परंतु जिस मकसद को मुख्य रखकर मिशनरी कालेज स्थापित किए गए। वह कालेज उन लक्ष्यों का हासिल करने में नाकाम रहे हैं। उलटा विवाद जरूर सिख कौम में पैदा कर दिए गए हैं। मिशनरियों की ओर से जो किताबें भी प्रकाशित करके बांटी और बेची जा रही हैं उन पुस्तकों ने भी सिख पंथ में विवाद पैदा करवा दिए हैं। यहां तक कि सिख पंथ से निष्कासित किए हुए मिशनरियों के खिलाफ भी एसजीपीसी के कथित हस्तक्षेप के कारण आज तक उचित कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने सिख पंथ इस मुद्दे पर पूरी तरह एकजुट होकर मैदान में उतरने की तैयारियां करने लगा है।