सर्वकामना पूर्ण करने वाला पाठ है श्री दुर्गा स्तुति
श्री दुर्गा स्तुति के पाठ में वह शक्ति है अगर श्रद्धा व विश्वास से इसका पाठ किया जाए तो महामाया जगदंबे उसकी हर मनोकामना पूरी करती हैं।
कमल कोहली, अमृतसर : श्री दुर्गा स्तुति के पाठ में वह शक्ति है, अगर श्रद्धा व विश्वास से इसका पाठ किया जाए तो महामाया जगदंबे उसकी हर मनोकामना पूरी करती हैं। श्री दुर्गा स्तुति के पाठ से नारी के भीतर साहस की भावना पैदा होती है। श्री दुर्गा स्तुति नारी सशक्तीकरण की ऐसी धार्मिक पुस्तक है, जो नारी को उत्साह देती हैं। श्री दुर्गा स्तुति के पाठ का उच्चारण नवरात्र के दिनों में हर कोई भक्तजन करके आनंद प्राप्त करता हैं। विश्व भर में मां के श्रद्धालु श्री दुर्गा स्तुति के पाठ से जुड़कर मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। अमृतसर की पावन धरती पर श्री दुर्गा स्तुति का पाठ मां के भक्त चमन लाल भारद्वाज न लिखा हैं। श्री दुर्गा स्तुति के रचयिता स्व. चमन लाल भारद्वाज का परिवार पूरी मेहनत के साथ प्रचार करने में लगा हैं।
मां भगवती के दास चमन लाल भारद्वाज का जन्म एक अप्रैल 1908 को हुआ था। बचपन में ही भारद्वाज के भीतर मां भगवती की अराधना करने की भावना पैदा हो गई थी। वह महामाया चमन मंदिर कटड़ा सफेद अमृतसर में मां भगवती के प्रचार के लिए पूजा- अर्चना व मां की अराधना करते थे। वर्ष 1952 में भारद्वाज ने संस्कृत भाषा की श्री दुर्गा सप्तशती का अनुवाद कविता के रूप में हिदी की भाषा के साथ किया। जो चमन की श्री दुर्गा स्तुति के साथ विख्यात हुई। भारद्वाज ने अपने जीवन काल में श्री दुर्गा स्तुति, संकट मोचन, शनि स्त्रोत, भजन सागर व अन्य कई नामों से करीब 74 धार्मिक पुस्तकें लिखने का मां से आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्री दुर्गा स्तुति के पाठ में श्री दुर्गा स्तुति प्रार्थना, श्री दुर्गा कवच, श्री मंगला जयंती स्त्रोत के बाद 13 अध्यायों की श्री दुर्गा स्तुति का पाठ का उच्चारण है। इसके अलावा कई आरती श्री दुर्गा स्तुति के पाठ में रचित है। श्री दुर्गा स्तुति का पाठ हिदी भाषा के अलावा रोमन, पंजाबी व उर्दू भाषा में भी प्रकाशित हो रहा हैं। इस समय भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दुबई सहित कई देशों में भी इस धार्मिक पुस्तक की बिक्री जोरों पर हो रही है। बाक्स...
29 दिसंबर 1982 में चमन लाल भारद्वाज का स्वर्गवास हो जाने के बाद उनका परिवार श्री दुर्गा स्तुति के पाठ को घर-घर पहुंचाने के लिए कार्य कर रहा। इसके लिए स्व. चमन लाल भारद्वाज के पर पौत्र पार्थ भारद्वाज द्वारा श्री दुर्गा स्तुति सेवा परिवार संस्था की स्थापना की गई हैं। पार्थ ने कहा कि श्री दुर्गा स्तुति का पाठ हमें भगवती के नाम के साथ जोड़ता हैं। इस पाठ से हमें समाज में फैली हुई कुरीतियों से दूर रहने का संदेश मिलता हैं।