विदेश में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप प्रकाशित करने के लिए एसजीपीसी ने बढ़ाया कदम
एसजीपीसी) की ओर से अलग-अलग देशों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को प्रकाशित करने के लिए फैसले पर अमल शुरू कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अलग-अलग देशों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को प्रकाशित करने के लिए फैसले पर कदम बढ़ा दिया है। इसे लागू करने के लिए एसजीपीसी का एक प्रतिनिधिमंडल कनाडा पहुंच गया है। उसकी ओर से अलग-अलग गुरुद्वारों के प्रबंधकों के साथ बैठकें की जा रही हैं। प्रतिनिधिमंडल की अगुआई एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरजीत सिहं भिट्टेवड्ड कर रहे हैं। इसमें मिट्ठू सिंह काहनके, भाई राम सिंह और बलविदर सिंह काहलवां शामिल हैं।
दरअसल, एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर की अगुआई में हुई कार्यकारिणी कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया था कि संगत की सुविधा को मुख्य रखकर कनाडा, अमेरिका व आस्ट्रेलिया आदि स्थानों पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाशन शुरू किया जाए। एसजीपीसी इन स्थानों पर खुद स्वरूपों को प्रकाशित करेगी। जगीर कौर ने यह भी एलान किया था कि अलग-अलग देशों में एसजीपीसी की ओर से प्रिटिग प्रेस भी स्थापित की जाएगी। वहां से साथ लगते देशों में स्वरूप सड़क मार्ग से पहुंचाए जाएंगे।
कनाडा गए प्रतिनिधिमंडल के नेता सुरजीत सिंह भिट्टेवड्ड ने फोन पर एसजीपीसी के पदाधिकारियों को बताया है कि कनाडा के बीसी के साथ संबंधित गुरुद्वारों के अलावा कैलगरी के गुरुद्वारा प्रबंधकों के साथ भी इस विषय पर बातचीत हुई है। मर्यादा के अनुसार स्वरूपों को प्रिट करने के लिए जरूरी सुविधाएं और माहौल अति जरूरी है। इसको लेकर बातचीत चल रही है। अलग अलग गुरुद्वारों के प्रबंधकों और संगत की राय को भी सुना जा रहा है और महत्व दिया जा रहा है। इस संबंधी मुकम्मल रिपोर्ट एसजीपीसी की अध्यक्ष को सौंपी जाएगी।