प्रशासन से मांग, गलियारा और विरासती मार्ग की सफाई की जिम्मेदारी एसजीपीसी को सौंपी जाए

एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने कहा कि खोदाई के दौरान मिली सुरंग संबंधी रिपोर्ट पुरात्तव विभाग ने डीसी को सौंप दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:05 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:05 PM (IST)
प्रशासन से मांग, गलियारा और विरासती मार्ग की सफाई की जिम्मेदारी एसजीपीसी को सौंपी जाए
प्रशासन से मांग, गलियारा और विरासती मार्ग की सफाई की जिम्मेदारी एसजीपीसी को सौंपी जाए

जासं, अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के बाहर जोड़ा घर के निर्माण के लिए की खोदाई के दौरान मिली सुरंग संबंधी रिपोर्ट पुरात्तव विभाग ने डीसी को सौंप दी है। एसजीपीसी के पास भी रिपोर्ट आई है। यह सुरंग एतिहासिक है या नहीं, इसके लिए एसजीपीसी ने डीसी को सरकारी तौर पर सर्टिफाइड रिपोर्ट, टूरिजम विभाग को भी अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इसमें गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के इतिहासकारों और विशेषज्ञों की भी सहायता ली जाएगी। हालांकि पुरातत्व विभाग ने इसे एतिहासिक नहीं बल्कि विरासती बताया है।

जगीर कौर ने कहा कि गलियारा की साफ सफाई के लिए प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उनकी मांग है कि गलियारा की सफाई और संभाल की सेवा एसजीपीसी को सौंपी जाए। इसके लिए प्रशासन को पत्र भेजा गया है। हरिमंदिर साहिब को जाने वाली हेरिटेज स्ट्रीट की सफाई और संभाल की जिम्मेदारी भी एसजीपीसी ने जिला प्रशासन से मांगी है।

जगीर कौर ने कहा कि एसजीपीसी ने गुरु साहिब के नाम पर बनी पहली एतिहासिक श्री गुरु राम दास सराय की रेनोवेशन करने का फैसला लिया है। इस सराय में 232 कमरे हैं और 18 हाल हैं। फिर भी संगत के लिए जगह उपलब्ध नहीं होती। एसजीपीसी ने यहां पर 800 कमरे तैयार करने की योजना बनाई है। इसकी बाहरी दिखावट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वर्ष 1984 की घटनाओं के साथ संबंधी किसी भी यादगार को मिटाया नहीं जाएगा। जानबूझ कर कुछ संगठन इस मामले को तूल देकर काम को प्रभावित कर रहे हैं। एसजीपीसी की अकाली बाग वाली जगह पर एक हजार कमरों के लिए चार ब्लाक तैयार करने की योजना है। इस दौरान एसजीपीसी के भाई राम सिंह, भाई मंजीत सिंह, तेजिदर सिंह पड्डा, डा अमरीक सिंह, डा सुखबीर सिंह और मलकीत सिंह बहिड़वाल आदि भी मौजूद थे।

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