दस्तावेज घर भेजने की 75 रुपये फीस ले रहा सेवा केंद्र, चार महीने बाद भी नहीं पहुंच रहे

लोगों के सरकारी दफ्तरों से जुड़े काम करवाने के लिए पंजाब सरकार ने सेवा केंद्रों का निर्माण किया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:00 AM (IST)
दस्तावेज घर भेजने की 75 रुपये फीस ले रहा सेवा केंद्र, चार महीने बाद भी नहीं पहुंच रहे
दस्तावेज घर भेजने की 75 रुपये फीस ले रहा सेवा केंद्र, चार महीने बाद भी नहीं पहुंच रहे

जासं, अमृतसर: लोगों के सरकारी दफ्तरों से जुड़े काम करवाने के लिए पंजाब सरकार ने सेवा केंद्रों का निर्माण किया था। इन केंद्रों पर लोगों को अप्लाई करने की सेवा तो मिल रही है मगर उनको फिर अपने दस्तावेज समय पर नहीं मिल रहे। उन्हें इन केंद्रों में धक्के भी खाने पड़ रहे हैं। इन केंद्रों में लोगों को दस्तावेज घर में डिलीवर करने की सुविधा देने के बदले 75 रुपये वसूले जाते है, लेकिन ये दस्तावेज घरों तक नहीं पहुंचाए जा रहे।

सेवा केंद्र में वीरवार तक करीब चार हजार के करीब दस्तावेज पेंडिग थे है, जो लोगों के घरों तक नहीं पहुंचाए जा सके। सरकारी दफ्तरों में हड़तालों के कारण यह पेंडेंसी रुकी थी। शुक्रवार को सेवा केंद्र की तरफ से 1333 के करीब दस्तावेज डिलीवर किए गए। बाकी 2667 दस्तावेज भी जल्द ही डिलीवर करने का दावा किया जा रहा है।

जिले में इस समय 41 सेवा केंद्र चल रहे हैं। इन पर लोग एससी-बीसी सर्टिफिकेट, रेजिडेंस सर्टिफिकेट, घरेलू प्रमाण पत्र, इनकम सर्टिफिकेट, ड्राइविग लाइसेंस, जन्म व मृत्यु सर्टिफिकेट सहित कई सेवाएं दी जा रही हैं। इसकी सरकारी फीस वसूल की जाती है। इसके साथ ही सरकार ने इन दस्तावेजों को घरों तक पहुंचाने के लिए होम डिलीवरी भी शुरू की थी। इसके बदले में सेवा केंद्र 75 रुपये वसूल करता है और उपभोक्ता को दस्तावेज उनके घर पर ही भेजता है। लेकिन पिछले कई महीनों से यह सेवा ही लोगों को नहीं दी जा रही है। वो लोग जिन्हें दस्तावेज समय पर नहीं मिले और परेशान हो रहे चार महीने से इंतजार कर रहे, लेकिन नहीं आया शेडयूल कास्ट सर्टिफिकेट

मोहकमपुरा के रहने वाले सर्बजीत सिंह का कहना है कि उसने करीब चार महीने पहले शेडयूल कास्ट सर्टिफिकेट और करेक्टर सर्टिफिकेट अप्लाई किया था। उन्होंने दोनों दस्तावेज घर पर मंगवाने के लिए 150 रुपये फीस दी, लेकिन अभी तक उनका कोई भी दस्तावेज घर नहीं पहुंचा है। उन्हें तो यह भी नहीं पता कि दस्तावेज उनका बना भी है या नहीं। कई-कई दिनों से रोजाना चक्कर लगाते हैं, लेकिन कोई संतुष्ट जवाब नहीं दिया जा रहा है। अधिकारियों को शिकायत की तो मैरिज सर्टिफिकेट मिला

एडवोकेट मोनिका सोनी का कहना है कि उन्होंने मैरिज सर्टिफिकेट में करेक्शन करवाने के लिए मार्च में अप्लाई किया था। सर्टिफिकेट 15 दिनों बाद तो मिल गया, लेकिन उसमें गलती रह गई। दोबारा अप्लाई किया तो कई चक्कर लगाने के बाद एक जुलाई को उन्हें यह सर्टिफिकेट मिला। सेवा केंद्र के उच्चाधिकारियों के पास शिकायत की गई थी, जिसके बाद उनका काम हुआ। उन्होंने कहा कि लोगों से सेवा के पैसे भी वसूले जा रहे है, लेकिन उन्हें समय पर सुविधा नहीं मिल रही। पेंडिग दस्तावेज जल्द पहुंचाएंगे लोगों के घर: डीएम

सेवा केंद्र के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर निरवैर सिंह ने कहा कि चार हजार के करीब पेंडेंसी पड़ी हुई थी। इसे क्लीयर करवाया जा रहा है। सरकारी दफ्तरों में हड़ताल चल रही थी। इस कारण पेंडेंसी हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि 1333 दस्तावेजों को अप्रूवल करके उन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जा चुका है। पेंडेंसी खत्म करने के लिए खास तौर पर एक मुलाजिम रखा गया है और जल्द ही बाकी के दस्तावेजों को अप्रूव करके लोगों के घरों तक पहुंचा दिया जाएगा।

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