सेकेंड वेव: जीएनडीएच में 25 नए वेंटिलेटर्स इंस्टाल

कोरोना की दूसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार अलर्ट पर आ गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 10:43 PM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 10:43 PM (IST)
सेकेंड वेव: जीएनडीएच में 25 नए वेंटिलेटर्स इंस्टाल
सेकेंड वेव: जीएनडीएच में 25 नए वेंटिलेटर्स इंस्टाल

नितिन धीमान, अमृतसर

कोरोना की दूसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार अलर्ट पर आ गई हैं। पंजाब के प्रमुख चिकित्सा संस्थान गुरु नानक देव अस्पताल में वेंटिलेटर्स की संख्या बढ़ा दी गई है। अब यहां 115 वेंटिलेटर्स हैं। सभी वार्डों में दो—दो वेंटिलेटर्स इंस्टाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मंगलवार को पीएम केयर्स फंड से आए पच्चीस मेड इन इंडिया वेंटिलेटर्स वार्डों में इंस्टाल किए गए।

दरअसल, कोरोना काल में केंद्र व राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर्स की कमी दूर करने में पूरी ताकत झोंक दी। केंद्र सरकार ने मेड इन इंडिया का नारा सशक्त करते हुए भारत में वेंटिलेटर्स का निर्माण शुरू करवाया। गुरु नानक देव अस्पताल में देखते ही देखते 115 वेंटिलेटर्स भेज दिए गए। खास यह है कि कोरोना काल में इस अस्पताल में दस से अधिक वेंटिलेटर्स का उपयोग ही नहीं हो पाया। यानी शेष वेंटिलेटर्स पड़े-पड़े ही धूल फांक रहे हैं। इनमें से से पांच वेंटिलेटर्स तो अस्पताल प्रशासन ने जिला प्रशासन के सहयोग से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को डोनेट कर दिए, क्योंकि अस्पताल में जरूरत के अनुपात में वेंटिलेटर्स की संख्या अधिक थी। वर्तमान में इस अस्पताल में तीन मरीज ही वेंटिलेटर्स पर हैं, शेष सभी वेंटिलेटर्स खाली पड़े हैं। अस्पताल में 22 वेंटिलेटर्स अब भी अनइंस्टाल्ड

पूर्व में भेजे गए 115 वेंटिलेटर्स में से 22 को इंस्टाल ही नहीं किया गया। ये वेंटिलेटर्स कवर में रखे गए हैं। डा. अत्री के अनुसार उन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन को पत्र लिखे थे कि इन 22 वेंटिलेटर्स को इंस्टाल किया जाए या फिर इन्हें यहां से उठा लिया जाए। एक वेंटिलेटर की कीमत पांच से दस लाख के मध्य होती है। नए 30 वेंटिलेटर्स भारत निर्मित हैं। वेंटिलेटर्स का स्टाक ज्यादा है : एमएस

अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. जेपी अत्री का कहना है कि अब अस्पताल में वेंटिलेटर्स की कोई कमी रहीं। जरूरत से बहुत ज्यादा वेंटिलेटर्स आ चुके हैं। हाल ही में मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के ने और वेंटिलेटर्स भेजने को कहा था। हमने इंकार कर दिया। कोरोना की सेकेंड वेव आ सकती है। यह सही है कि हमें हर तरह से तैयार रहना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोरोना काल में एक भी दिन ऐसा नहीं आया कि दस से अधिक सीरियस मरीज आए हों। मसलन, दस से अधिक वेंटिलेटर्स तो कभी प्रयोग ही नहीं हुए।

chat bot
आपका साथी