बड़ी लापरवाही: इन्फलूएंजा लैब में मिक्स हुए कोविड सैंपल, नेगेटिव वालों की रिपोर्ट भी पाजिटिव बताई

सरकारी मेडिकल कालेज स्थित इन्फ्लूएंजा लैब में सेहत विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। लैब में कोरोना टेस्ट के लिए भेजे गए सैंपलों की कंटेमिनेशन हुई है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 07:00 AM (IST)
बड़ी लापरवाही: इन्फलूएंजा लैब में मिक्स हुए कोविड सैंपल, नेगेटिव वालों की रिपोर्ट भी पाजिटिव बताई
बड़ी लापरवाही: इन्फलूएंजा लैब में मिक्स हुए कोविड सैंपल, नेगेटिव वालों की रिपोर्ट भी पाजिटिव बताई

नितिन धीमान, अमृतसर: सरकारी मेडिकल कालेज स्थित इन्फ्लूएंजा लैब में सेहत विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। लैब में कोरोना टेस्ट के लिए भेजे गए सैंपलों की कंटेमिनेशन हुई है, यानी कि आरटीपीसीआर मशीन के रिजेंट, नेगेटिव और पाजिटिव सैंपल के साथ मिक्स हो गए। इस कारण सैंपलों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। खास बात यह है कि पिछले तीन दिन में जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

ऐसे में माना जा रहा है कि सैंपलों की कंटेमिनेशन होने के कारण नेगेटिव सैंपल भी पाजिटिव हुए और इसी कारण संक्रमितों की संख्या बढ़ गई है। यह मामला सिविल अस्पताल स्थित आइडीएसपी लैब में कार्यरत पांच कर्मियों की पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। दरअसल पांच मई को अमृतसर में 932 लोग संक्रमित आए थे। इनमें सिविल अस्पताल स्थित आइडीएसपी लैब के माइक्रोबायोलाजिस्ट सहित पांच कर्मियों की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। ऐसे में इस लैब को बाद में बंद कर दिया गया, लेकिन इन पांचों कर्मचारियों को शंका थी कि एक साथ सभी पाजिटिव कैसे हो सकते हैं। यही नहीं पांच मई को जिले के अलग-अलग ब्लाकों से इनफ्लुएंजा लैब में लाए गए सैंपलों में से 80 प्रतिशत पाजिटिव आए थे। इसी के बाद सेहत विभाग को कुछ संदेह हुआ और फिर इसकी जांच की गई। इस तरह संदेह और मजबूत हुआ और पकड़ में आया मामला

मजीठा स्थित स्वास्थ्य केंद्र से 54 सैंपल इन्फ्लूएंजा लैब में भेजे गए थे। ये सभी पाजिटिव बताए गए। इस मामले की भनक जब मेडिकल कालेज प्रशासन को लगी तो उन्होंने अपने स्तर पर जांच की। इस दौरान आरटीपीसीआर मशीन में लगे रीजेंट की जांच की गई तो पता चला कि कुछ रीजेंट नेगेटिव व पाजिटिव सैंपलों में मिक्स हो गए थे। इसी वजह से रिपोर्ट में गड़बड़ी आई। फिलहाल इन रीजेंट को हटाकर नए लगा दिए गए हैं। समझें क्या है रीजेट

रीजेट एक प्रकार का कंपोनेट होता है जो मशीन में कोविड सैंपलों की टेस्टिंग के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। यह कंपोनेट लीक होने के कारण सभी सैंपलों में मिक्स हो गया और इसी कारण सभी की रिपोर्ट पाजिटिव बताई गई। बढ़ेगी सिरदर्दी : 927 लोगों से फिर संपर्क कर सैंपल लेगा विभाग

यहां बताना जरूरी है कि पांच मई को 932 लोग पाजिटिव रिपोर्ट हुए थे। इन्हीं 932 में लैब के पांच कर्मचारी भी थे। ऐसे में लैब के पांच कर्मचारियों ने तो अपना टेस्ट दोबारा करवा लिया, लेकिन बाकी जिन 927 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव बताई गई है उन तक स्वास्थ्य विभाग फिर संपर्क करेगा। उनके दोबारा टेस्ट करेंगे। इसके लिए काफी सिरदर्दी बढ़ेगी और समय भी लगेगा। दूसरा इन सभी 932 लोगों का डाटा पहले ही रिपोर्ट आने के बाद आनलाइन अपलोड हो चुका है और उन तक मैसेज भी जा चुके हैं। इसे अब संशोधित नहीं किया जा सकता। बल्कि नई रिपोर्ट आने के बाद उसे अपलोड किया जाएगा। प्रिंसिपल ने लैब की इंचार्ज से कहा, दोबारा न हो ऐसी गलती

मेडिकल कालेज के प्रिसिपल डा. राजीव देवगन ने इन्फ्लूएंजा लैब की इंचार्ज डा. लवीना ओबराय को बुलाकर इस संबंधी जवाब मांगा। डा. देवगन ने उन्हें कहा कि इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसे सुनिश्चित करें। दोबारा लिए जाएंगे सैंपल: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डाक्टर चरणजीत सिंह ने कहा कि जिन 927 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है, हम उनसे संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उनके सैंपल दोबारा लिए जा सकें। इसके साथ ही इन्फ्लूएंजा लैब के स्टाफ से भी बातचीत की जा रही है।

chat bot
आपका साथी