कर्म हमेशा भाग्य पर हावी रहता है : अशोक कपूर

संवाद सहयोगी अमृतसर समाज सेवक अशोक कपूर लंगर वालों ने सुमिरन के दौरान कहा कि भाग्य क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:45 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 07:09 PM (IST)
कर्म हमेशा भाग्य पर हावी रहता है : अशोक कपूर
कर्म हमेशा भाग्य पर हावी रहता है : अशोक कपूर

संवाद सहयोगी, अमृतसर : समाज सेवक अशोक कपूर लंगर वालों ने सुमिरन के दौरान कहा कि भाग्य कभी भी कर्म पर हावी नहीं हो सकता, बल्कि कर्म भाग्य पर हमेशा हावी हुआ है, और हो रहा है। भाग्य कर्म से नहीं बनता है हम जैसे काम करते हैं वैसे ही हमारे भाग्य का निर्माण होता है। कर्म पर विश्वास करने वाले कामों के परिणाम पर अनुमान लगाया जा सकता है, भाग्य पर विश्वास करने वाले लोगों के कर्मों के परिणाम का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। रामायण में भी कर्म का जीता जागता उदाहरण देखने व सुनने को मिलता है। श्री राम जी को वनवास हो चुका है, श्री राम, सीता और लक्ष्मण तीनों वन के लिए रवाना हो चुके हैं, अभी तक राजा दशरथ इस पूरी घटना को भाग्य का खेल बता रहे थे, भाग्य का लिखा मान रहे थे। श्री राम के जाने के बाद जब वह अकेले कक्ष में थे तो उन्हें अपनी गलतियां नजर आने लगी। युवावस्था में श्रवण कुमार की हत्या की थी, दशरथ को याद आ गया। बूढ़े मां-बाप से उनका इकलौता सहारा छीन लिया था उसी का परिणाम है सब। हर परिणाम के पीछे कोई कर्म जरूर होता है। बिना कर्म हमारे जीवन में कोई भी परिणाम आ ही नहीं सकता। यदि आप अपने कर्मों पर नजर रखते हैं। तभी आप भाग्य को समझ सकेंगे। कर्म हमारे जीवन में प्रमुख भूमिका निभाता है न के भाग्य।

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