श्रीमद्भागवत गीता से सेवा की भावना पैदा होती है : अशोक

समाजसेवक अशोक कपूर कंपनी बाग लंगर वालों ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता से ही जीव के भीतर सेवा की भावना पैदा होती है। सेवा से ही प्रभु प्राप्त होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:38 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:38 PM (IST)
श्रीमद्भागवत गीता से सेवा की भावना पैदा होती है : अशोक
श्रीमद्भागवत गीता से सेवा की भावना पैदा होती है : अशोक

संस, अमृतसर : समाजसेवक अशोक कपूर कंपनी बाग लंगर वालों ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता से ही जीव के भीतर सेवा की भावना पैदा होती है। सेवा से ही प्रभु प्राप्त होते हैं। हमें हमेशा समाज में समानता लाने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता में हमें ऐसी बातों का ज्ञान मिलता है जो कि प्रभु मार्ग बार लेकर जाती है तथा हमें किस तरह जीवन व्यतीत करना चाहिए। इन रहस्यों का पता चलता है। हरेक अध्याय में जीव को मुक्ति का रास्ता प्राप्त होता है। भगवान श्री कृष्ण व सुदामा का मिलन भी समाज में समानता लाने का संदेश है। जरूरतमंद लोगों की सहायता मनुष्य का क‌र्त्तव्य होना चाहिए। जो लोग समर्थ है, उनको समाज में ऐसे काम करने चाहिए। जो समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हो। यही श्रीमद्भागवत गीता का संदेश है।

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