खुले में पड़ा हजारों क्विटल गेहूं बारिश से भीगा

जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की आमद बढ़ रही है। मौसम की वह से गेहूं भीगा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:56 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:56 PM (IST)
खुले में पड़ा हजारों क्विटल गेहूं बारिश से भीगा
खुले में पड़ा हजारों क्विटल गेहूं बारिश से भीगा

जागरण संवाददाता, अमृतसर :

जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की आमद बढ़ रही है। मौसम भी आंख मिचौली कर रहा है। खुले आसमान के नीचे गेहूं की हजारों बोरियां पड़ी हुई हैं। जिसे बचाने के लिए उचित मात्रा में तिरपाल तक नहीं है। जिसकी वजह से बुधवार को हुई बारिश से भगतांवाला अनाज मंडी में बड़ी मात्रा में गेहूं भीख्ग गया। शाम तक किसानों और पल्लेदारों ने जमा पानी को हटाने में लगे रहे। जिला प्रशासान की ओर मंडियों में आए गेहूं को बारिश के बचाने के लिए किया गए सभी दावे हवाई साबित हुए। सामने आया है कि मंडियों में काम करने वाले आढ़तियों और खरीद एजेंसियों के पास मंडियों में पड़े गेहूं का बारिश के बचाने के लिए आवश्यक संख्या में तिरपालों का प्रबंध नही है। एक आढ़ती के पास नियमों के अनुसार 20 तिरपालें होनी चाहिए, पंरतु संख्या इसे बहुत ही कम है।

अमृतसर जिले की अलग अलग 57 अनाज मंडियों में अभी तक 618264 मीट्रिक टन पहुंच चुकी है। जिस में अभी तक 617674 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद अलग अलग सरकारी खरीद एजेंसियों की ओर से की जा चुकी है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार पनग्रेन की ओर से 176273 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद गई है। जबकि मार्कफेड की ओर से 137623 मीट्रिक टन, पनसप की ओर से 147061 मीट्रिक टन, पंजाब वेयर हाउस की ओर से 80771 मीट्रिक टन और एफसीआई की ओर से 75946 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद गई है। खरीदे गए गेहूं की कुल राशि 781 करोड़ 81 लाख रुपये की अदायगी सीधे किसानों के खातों की जा चुकी है। यह अदायगी किसानों को उनके गेहूं की खरीद के 48 घंटों के भीतर की गई है। मंडी में पड़ा गेहूं 72 घंटे में उठाया जाए : डीसी

डीसी गुरप्रीत सिंह खैहरा ने बताया कि मंडियों में पड़ी 311893 मीट्रिक टन गेहूं की लिफ्टिंग की जा चुकी है, जो गेहूं अभी तक रह गया है उसे 72 घंटों में उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी मंडियों के अधिकारियों और आढ़तियों तथा खरीद एजेंसियों को सख्त हिदायतें दी गई हैं कि मौसम की खराबी के कारण मंडियों में पड़ा गेहूं प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके बचाव के सभी प्रबंधक पुख्ता होने चाहिए। अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही देखने को मिले तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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