बच्चों पर पीएसईबी ने डाला बोझ, सर्टिफिकेट लेने के लिए 100 रुपये फीस देनी होगी

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) ने विद्यार्थियों पर नया बोझ डाल दिया है। विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट लेने के एवज में फीस अदा करनी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 02:00 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 02:00 AM (IST)
बच्चों पर पीएसईबी ने डाला बोझ, सर्टिफिकेट लेने के लिए 100 रुपये फीस देनी होगी
बच्चों पर पीएसईबी ने डाला बोझ, सर्टिफिकेट लेने के लिए 100 रुपये फीस देनी होगी

संस, अमृतसर: पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) ने विद्यार्थियों पर नया बोझ डाल दिया है। विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट लेने के एवज में फीस अदा करनी होगी।

सर्टिफिकेट की हार्ड कापी हासिल करने के लिए आनलाइन आवेदन करते समय प्रति विद्यार्थी 100 रुपये सर्टिफिकेट फीस लगा दी है। हैरानी की बात है कि पांचवीं व आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी बोर्ड ने अपने इस निर्णय में रखा है, जिनको शिक्षा के अधिकार कानून 2009 के तहत मुफ्त व स्तरीय शिक्षा लेने का अधिकार हासिल है। इसके तहत सरकारी व एडिड स्कूलों में आठवीं कक्षा तक किसी भी प्रकार की कोई फीस व जुर्माना आदि नहीं वसूला जाता है।

डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट पंजाब के जिला अध्यक्ष अश्वनी अवस्थी ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के इस निर्णय का विरोध किया है। पिछले दो साल में विद्यार्थियों से बोर्ड परीक्षा के नाम पर बड़ी उगाही की गई। चाहे इस दौरान कोविड के हवाले से परीक्षाएं नहीं हुई। पहले दसवीं व 12वीं के लिए प्रमाण पत्र की हार्ड कापी देने के नाम पर फीस का नया बोझ डाला। अब सरकार के ही मुफ्त शिक्षा देने के कानून का उल्लंघन कर यह फरमान पांचवीं व आठवीं कक्षा के लिए लागू कर दिया गया है। डीटीएफ ने किया विरोध प्रदर्शन

अश्वनी अवस्थी की अगुआई में डीटीएफ सदस्यों ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण की नीति पर चल रही है। शिक्षा के क्षेत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी से बच रही है। पिछले कई सालों से बोर्ड द्वारा परीक्षाओं में लगाए जाने वाले निगरान अमले के मानदेय बंद किए हुए है। डाटा एंट्री का काम अध्यापकों से करवाया जाता है।

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